देश के शीर्ष बैंकों ने बिटकॉइन एक्सचेंज करनेवाले खातों को सस्पेंड करने का फैसला किया है। एसबीआई, एक्सिस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और यस बैंक ने बिटकॉइन से जुड़े ऐसे कई संदिग्ध अकाउंट्स बंद किए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैंकों ने संदिग्ध ट्रांजैक्शंस करने वाले एक्सचेंजों के प्रमोटर्स से लोन की रीपेमेंट सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त गारंटी की मांग की है। इतना ही नहीं ऐसे खातों से पैसा निकालने की अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है।
बैंकों ने अपनी कारवाई शुरू करते हुए जेबपे, यूनोकॉन, कॉइनसिक्यॉर और बीटीसीएक्स इंडिया जैसे टॉप बिटकॉइन एक्सचेंजों पर ऐक्शन लिया है। बैंक अभी देश के टॉप बिटकॉइन एक्सचेंजों के अकाउंट्स की स्क्रूटनी कर रहे हैं। यूनोकॉन के प्रमोटर सात्विक विश्वनाथ ने इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि बैंकों ने कंपनी या प्रमोटर्स को इसकी जानकारी नहीं दी है। अन्य एक्सचेंजों और बैंकों ने भी इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है।
भारत में अभी बिटकॉइन को लेकर कई संदेह बरकरार हैं। सरकार अपनी ओर से अपील कर चुकी है कि बिटकॉइन लीगल नहीं है और यह पोंजी स्कीम की तरह हो सकता है। देश में यह क्रिप्टोकरंसी रेग्युलेटेड नहीं है। इन कंपनियों की जाँच करने वाले टैक्स अधिकारियों ने बताया कि देश के टॉप 10 बिटकॉइन एक्सचेंज का कुल रेवन्यू 40 हजार करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। बैंकों ने इन कंपनियों से कहा है कि वे अपने बिजनस के बारे में पूरी जानकारी मुहैया कराएं और यह बताएं कि उन्होंने अकाउंट खुलवाते समय इसकी जानकारी क्यों नहीं दी थी।