राजेश सोनी | Navpravah.com
कुछ दिन पहले बाराबंकी के ट्रेनी डीएम अजय द्विवेदी और बाराबंकी से भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत के बीच जमकर बहस हुई थी। जिसके बाद, जिला प्रशासन ने सांसद प्रतिनिधि राजेश शर्मा और उनके 4 साथियों को हिरासत में ले लिया था। जिसके कारण, सांसद प्रियंका सिंह रावत और उनके साथ भाजपा के 200 से ज्यादा कार्यकर्ता, नगर स्थित आवास पर जमा हो गए और इन्होंने जुलुस निकालकर देव तिराहे पर डीएम अखिलेश तिवारी का पुतला फूंका।
भाजपा के कार्यकर्ता इतने नाराज थें कि उन्होंने 20 मिनट तक लखनऊ-फ़ैजाबाद राजमार्ग जाम कर दिया था। इस दौरान, भाजपा कार्यकर्ताओं ने डीएम अखिलेश शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस वजह से जिला प्रशासन और भाजपा कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे। इस भीड़ का नेतृत्व सांसद रावत के प्रतिनिधि राजेश वर्मा व प्रशांत कुमार मिश्र कर रहे थे। वहीं सांसद प्रितिनिधि राजेश शर्मा ने डीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि डीएम के इशारे पर ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया है। इसलिए, अब हमारी मांग है कि भाजपा नेता और ग्रामीणों पर लगे सारे मुकदमें वापस लिए जाए और दोषी अधिकारी को सजा के तौरपर उसका यहाँ से तबादला कर दिया जाए।
कुछ दिन पहले हुई थी बहस-
बता दें कि कुछ दिन पहले आईएएस अजय द्विवेदी अपने दस्ते के साथ अवैध अतिक्रमण हटाने की मुहिम पर निकले थे। इस मुहिम को सांसद प्रियंका सिंह ने अपने सत्ता के ताकत का दुरूपयोग कर रुकवा दिया। प्रियंका ने आईएएस अधिकारी से कहा कि तुम्हें जनप्रतिनिधि से बात करते वक्त प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने आगे आईएएस को धमकाते हुए कहा कि अगर तुमने ऐसा नहीं किया, तो तुम्हारा जीना मुश्किल कर दूंगी। वहीं इस अवैध कब्ज़ा का आरोप स्थानीय भाजपा नेता पर ही लगा है। सांसद की आईएएस को धमकी देते हुए वक्त की पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है।