सुनील यादव | Navpravah.com
कोल स्कैम में आरोपी करार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को आज कोर्ट ने 3 साल की कैद और 25 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। मधु कोड़ा पर 4000 करोड़ के घोटाले का मामला दर्ज है। दो दिन पहले ही कोड़ा तथा अन्य तीन आरोपियों को कोर्ट ने कोयला घोटाले में दोषी ठहराया था, इसके बाद कोड़ा ने फॅमिली का हवाला देकर कोर्ट को सजा में नरमी बरतने को कहा था।
बता दें कि कोयला आबंटन घोटाले में भारतीय नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि कोयला भंडार 2004 से 2009 के बीच मनमाने तरीके से निजी एवं सरकारी आबंटित कर दिए गए थे, जिसके कारण तकरीबन 10,67,000 करोड़ रुपयों को हानि हुई थी। जिसके बाद इस मामले से सम्बंधित आरोपियों को गिरफ्त में लिया गया था।
यह मामला झारखंड स्थित राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के कोलकाता की वीआईएसयूएल को आवंटन में अनियमितता से जुड़ा है। विनी आयरन एंड स्टील उद्योग से 14 सितंबर 2006 को तत्कालीन उद्योग सचिव अरुण कुमार सिंह ने धनबाद में छह लाख टन की क्षमता का स्टील प्लांट लगाने का एमओयू किया था। कंपनी से निदेशक संजीव तुलस्यान ने साइन किए थे।
कोर्ट ने इस केस के चार आरोपियों को बरी कर दिया है। इनमें वीआईएसयूएल के डायरेक्टर वैभव तुल्सयान, IAS बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह और सीए नवीन कुमार तुल्सयान शामिल हैं। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में कोड़ा सहित सभी दोषियों को आपराधिक साजिश रचने,सरकारी कर्मचारी द्वारा आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया।
वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट न दिए जाने के कारण कोड़ा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। जीत के बाद मधु कोड़ा ने बीजेपी की अगुवाई वाली अर्जुन मुंडा सरकार को समर्थन दिया था। वर्ष 2006 में कोड़ा और अन्य 3 विधायकों ने बीजेपी से अपना समर्थन वापस लिया था, जिसके बाद अल्पमत में आई बीजेपी सरकार गिर गई। इसके बाद यूपीए सरकार ने कोड़ा को झारखंड के सीएम के रूप में स्वीकार कर सरकार बनाई थी।