अमित द्विवेदी | Navpravah.com
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देगी। सोमवार को मोदी के कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई।
मोदी सरकार के कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा। इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है, वहीं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जो सवर्ण आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं, उन्हें आरक्षण मिलाना ही चाहिए। शाहनवाज़ ने पीएम मोदी की नीति को याद दिलाया और कहा कि हमारे प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास की नीति पर अडिग हैं और उसी को ध्यान में रखकर तेज़ी से जनहित में कार्य कर रहे हैं। सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है। पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि लगभग दो माह बाद लोकसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी। इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा था। राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि सरकार का ये फैसला चुनाव को देखते हुए लिया गया है।
पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सहयोगी दलों को 80 में से 73 सीटें मिली थीं। इस बार बीजेपी को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हाथ मिला लिया है। इसके बाद माना जा रहा था कि बीजेपी इस गठबंधन से निपटने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है। ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले को सरकार का मास्टस्ट्रोक माना जा रहा है।