राजेश सोनी | Navpravah.com
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल बजट पेश करते वक़्त उद्योगों के सभी क्षेत्रों में निश्चित अवधि रोजगार योजना की घोषणा की थी। जेटली के इस घोषणा के बाद कई मजदुर संगठन नाराज नजर आ रहे हैं। इनमें आरएसएस से जुड़ी भारतीय मजदुर संघ भी शामिल है।
बता दें कि भारतीय मजदूर संघ शुक्रवार से सामूहिक विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहा है। बीएमएस को लगता है यह मजदूरों को फंसाने की योजना है। यह निर्धारित प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय श्रम मानदंडों के खिलाफ है। बीएमएस के जनरल सेक्रेटरी वृजेश उपाध्याय ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने यह योजना किसी भी मजदूर संघ से बातचीत किए बिना या राय लिए बिना लागू की है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को ऐसी योजना लाने से पहले सभी पक्षों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए थी। इन सभी पक्षों में फैक्ट्री मालिक, मजदूर संघ और सरकार शामिल है। लेकिन, सरकार ने ऐसा नहीं किया, इसलिए हम नें यह फैसला लिया है कि हम शुक्रवार से देश व्यापी आंदोलन करेंगे। ऐसी नीतियों के कारण मजदूरों के नौकरी की सुरक्षा को खतरा हो जाएगा। जिसके कारण उनके दिमाग में अनिश्चता पैदा हो जाएगी और इन सब का असर उनके काम पर नजर आएगा, जिससे उनकी नौकरी भी जा सकती है।