एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव ने कल परशुराम जयंती के मौके पर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कल भार्गव ब्राह्मण समाज के सम्मेलन में पहुंचे थे।
वहां पर मंत्री गोपाल भार्गव ने आरक्षण की वकालत पर जोर देते हुए कहा कि जब 40% वाले को 90% वाले से पहले स्थान दिया जाता है। तो देश पिछड़ने लगता है जो राष्ट्र के लिए घातक है। ये ब्राह्मण का नहीं बल्कि प्रतिभा का अपमान है।
उन्होंने आगे कहा कि जब देश आजाद हुआ था। तब एक चौथाई संसद-विधायक कर्मचारी अधिकारी हमारे समाज के हुआ करते थे, अब मात्र 10 प्रतिशत रह गए हैं। अब इससे भी कम होते जा रहे हैं।
गोपाल भार्गव ने कहा कि हर पार्टी ब्राह्मणों का समर्थन तो चाहती है पर उसे देना कुछ नहीं चाहती है। हम आज एक वोट बैंक बनकर रह गए हैं जैसे पहले दूसरी जातियां हुआ करती थीं। पर वे सभी सरकार से कुछ न कुछ मांग चुकी हैं लेकिन ब्राह्मण समाज ने ऐसी ओछी बात कभी नहीं की है।
बाद में भार्गव ने इस पर सफाई देते हुए कहा, परशुराम जयंती के मौके पर दिए गए मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं संविधान परस्त आरक्षण व्यवस्था का समर्थक हूं। मैंने अपने बयान में कहीं भी आरक्षण शब्द का जिक्र तक नहीं किया है।
गोपाल भार्गव इससे पहले भी अपनी बयानबाजी के कारण सुर्खियों में रह चुके हैं। इसी साल फरवरी में मध्य प्रदेश में किसानों की मौत पर राज्य के पंचायती राज मंत्री गोपाल भार्गव का अजीबोगरीब बयान सामने आया था।