एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने संसद में तीन तलाक बिल पर चल रही बहस में अपनी बात रखी है। उन्होंने तीन तलाक का कड़े शब्दों में विरोध करते हुए कहा कि तीन तलाक के गवाह बनने वाले मौलवियों पर कानूनी अपराध के तहत केस दायर होना चाहिए।
उन्होंने बहस के दौरान तीन तलाक तलाक की प्रथा पर कटाक्ष करने के लिए शेरों-शायरी का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने संसद में शेर पढ़ते हुए कहा कि क्यों बनाते हैं हम ऐसे रिश्ते, जो पल दो पल में टूट जाते हैं, वादा तो करते हैं ताउम्र साथ निभाने का, लेकिन हल्की से आंधी में गुज़र जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को तीन तलाक बिल का समर्थन करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
आगे लेखी ने कहा कि इसी संसद ने इसे पहले सती प्रथा के खिलाफ ऐतिहासिक कानून बनाया गया था। सती प्रथा करने वालों को कानून में मौत की सजा तक का प्रावधान किया गया था। सती प्रथा के कानून का हवाला देते हुए लेखी ने मांग की कि सती प्रथा की तरह तीन तलाक में गवाह बनने वाले मौलवियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए और उनपर आपराधिक मुकदमे के तहत केस दायर किया जाना चाहिए। इस तीन तलाक के कानून से मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलेगा और सरकार इसके पक्ष में है। जिस तेजी से मुस्लिम महिलाओं को तलाक दिया जा रहा है, यह मुस्लिम महिलाओं पर साफ-साफ अत्याचार है और इसे रोकना बहुत जरूरी है। तीन तलाक के बाद मुस्लिम महिला की क्या हालत होती है, यह किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज भी अल्पसंख्यक हैं। महिलाओं के अधिकारों के साथ सियासत खेली जाती है।
आज संसद में तीन तलाक बिल देश के कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वरा संसद में पेश किया गया था । प्रसाद आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने आगे कहा कि यह तीन तलाक बिल किसी को परेशान करने के लिए नहीं है बल्कि मुस्लिम महिलाओं को समाज में न्याय और बराबरी का अधिकार दिलाने का लिए है।
इस बिल का संसद में AIMIM अध्य्क्ष असदुद्दीन ओवैसी , बीजेडी और राजद के नेताओं ने विरोध किया। इसे पहले ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड भी शनिवार को बैठक कर इस बिल को खारिज कर चुका हैं ।