राजेश सोनी | Navpravah.com
चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को लेकर सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लालू की पैरवी करने के लिए यूपी के 2 अधिकारियों ने सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह को फ़ोन किया था। मामले को तूल पकड़ते देख सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कलेक्टर और एसडीएम ने जज शिवपाल सिंह को फ़ोन किया था। दोनों अधिकारियों ने जज से लालू यादव के पक्ष में फैसला सुनाने को कहा था। वहीं उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि कलेक्टर मन्नान अख्तर और एसडीएम भैरव सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत करार दिया है। अख्तर ने अपने सफाई में कहा कि मैंने अपने निजी नंबर या आधिकारिक नंबर से कभी भी जज को फ़ोन नहीं किया था और मैं जालौन जिले में पिछले 4 महीने से हूँ। जज शिवपाल सिंह नवंबर महीने में किसी जमीन विवाद को लेकर हमसे मिलने आए थे। जज शिवपाल भी जालौन के ही रहने वाले हैं।
मामले के उजागर होने के बाद राज्य सरकार की भी नींद खुल गई और सीएम योगी ने आनन-फानन में उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दे दिए हैं। इस जांच की जिम्मेदारी सीएम ने झाँसी मंडल के कमिश्नर अमिता गुप्ता को सौंपी हैं। गौरतलब है कि लालू को पिछले हफ्ते ही सीबीआई कोर्ट ने देवघर कोषगार से अवैध निकासी मामले में दोषी करार दिया था और उन्हें साढ़े तीन साल की कारवास की सजा सुनाई थी। तब से लालू जेल में ही बंद हैं और उनके वकिलों ने उन्हें जल्द से जल्द जमानत दिलाने के लिए रांची उच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है।