माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा..!!
हज़ारों फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए,
हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए
हजारों बूँद चाहिए समंदर बनाने के लिए,
पर “माँ “अकेली ही काफी है,
बच्चों की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..!!
हर पल में खुशी देती है माँ,
अपनी जिंदगी से जीवन देती है माँ
खुदा क्या है माँ की पूजा करो जनाब,
क्योंकि खुदा को भी जन्म देती है माँ..!!
माँ तो जन्नत का फूल है,
प्यार करना उसका उसूल है,
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है,
माँ की हर दुआ कबूल है,
ऐ इंसान… माँ को नाराज करना तेरी भूल है
माँ के कदमों की मिट्टी जन्नत की धूल है..!!
दिल तोड़ना आया ही नहीं मुझे,
प्यार करना, माँ से सीखा है मैने!
प्रस्तुति- कोमल झा