सौम्या केसरवानी | navpravah.com
उत्तर प्रदेश की पुलिस पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं, क्योंकि कल रात लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर विस्तार में यूपी पुलिस के एक सिपाही प्रशांत चौधरी ने मल्टीनेशनल कंपनी के मैनेजर को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी है।
मृतक विवेक तिवारी ऐपल कंपनी में सेल्स मैनेजर थे, विवेक को उस वक्त गोली मारी गई, जब वे अपनी सहकर्मी को ड्रॉप करने जा रहे थे। विवेक रात को अपनी सहकर्मी के साथ लौट रहे थे, उसी समय गोमतीनगर विस्तार के पास दो पुलिसवालों ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया, लेकिन विवेक ने गाड़ी नहीं रोकी। जिसके बाद विवेक की गाड़ी पर फायरिंग की गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
घटना के वक्त विवेक के साथ गाड़ी में मौजूद सहकर्मी सना खान ने कहा, मैं अपने सहयोगी के साथ घर जा रही थी, गोमती नगर विस्तार के पास हमारी गाड़ी खड़ी थी, तब तक दो पुलिस वाले सामने से आए, हमने उनसे बचकर निकलने की कोशिश की, इसके बाद अचानक गोली चली और विवेक को गोली लग गयी।
विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी का कहना है कि उनके पति का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां नहीं आते हैं, विवेक की पत्नी कल्पना ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा है कि अगर उनके पति किसी संदिग्ध हालत में थे और उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी तो आरटीओ दफ्तर जाकर उनकी गाड़ी का नंबर नोट करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी, न कि उन्हें गोली मारनी चाहिए।
कल्पना के मुताबिक, मैं उस महिला को जानती हूं जो उस समय मेरे पति के साथ मौजूद थी, विवेक की पत्नी ने बताया कि अस्पताल के एक कर्मचारी ने फोन पर मुझे जानकारी दी कि आपके पति और उनके साथ मौजूद महिला को चोट लगी है, आखिर पुलिस ने मुझे इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी?’ वहीं, विवेक के रिश्तेदार विष्णु शुक्ला ने पूछा कि क्या वे आतंकवादी थे जो पुलिस ने उन पर फायरिंग की।