एनपी न्यूज़ डेस्क | navpravah.com
पीएम मोदी आज दिल्ली में शिक्षा पर आयोजित एक सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने वहां कहा कि, शिक्षा वही है, जिससे जीवन बेहतर हो, उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षा को भुला दिया गया है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते हैं। शिक्षा का मकसद व्यक्ति के हर आयाम का संतुलित विकास करना है और संतुलित विकास नवोन्मेष के बिना संभव नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि, हमें एक और वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि, आज दुनिया में कोई भी देश, समाज या व्यक्ति एकाकी होकर नहीं रह सकता है, हमें ‘ग्लोबल सिटीजन और ग्लोबल विलेज’ के दर्शन पर सोचना ही होगा।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा हमें उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उच्च समाधान भी उपलब्ध कराती है, मेरा आग्रह है कि विद्यार्थियों को कालेज, यूनिवर्सिटी के क्लास रूम में तो ज्ञान दें ही, लेकिन उन्हें देश की आकांक्षाओं से भी जोड़ा जाए।
उन्होंने आगे कहा कि इसी मार्ग पर चलते हुए केंद्र सरकार की भी यही कोशिश है कि हम हर स्तर पर देश की आवश्यकताओं में शिक्षण संस्थानों को भागीदार बनाएं। इसी विजन के साथ हमने अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत की है।
बता दें कि दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस सम्मेलन में देश के चुनिंदा 350 से ज्यादा विश्वविद्यालयों के कुलपति और निदेशक भी मौजूद हैं। कार्यक्रम का आयोजन यूजीसी, एआईसीटीई, आईसीएसएसआर सहित उच्च शिक्षा से जुड़े संगठनों ने किया है।