एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बिहार सरकार चिकित्सा व्यवस्था मजबूत करने के दावे भले करती हो, लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही है। आए दिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से सरकार के दावों की पोल खुल रही है
बिहार सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य और टीकाकरण के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से ये योजनाएं सही से चल नही पा रही है।
बच्चों के टीकाकरण के लिए बिहार सरकार ने मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी। लेकिन कटिहार के मघेली पंचायत के बड़ी चातर गांव में इस योजना के तहत टीका लगाने के बाद बच्ची की जान खतरे में पड़ गयी है।
स्वास्थ्य विभाग के मिशन इंद्रधनुष के तहत दो माह की एक बच्ची को टीका देने के दौरान लापरवाही बरती गई, जिससे बच्ची की हालत बिगड़ गई, हाथ और पैर में जहां बच्ची को टीका लगाया गया है। वहां गहरा जख्म हो गया है।
जिसके बाद से बच्ची की हालत नाजुक हो गई है। बच्ची की मां फराना खातून का कहना है कि चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से यह घटना हुई है, इससे मेरी बेटी की हालत नाजुक हो गयी है।
फराना खातून ने कहा कि हम गरीबों के पास इतना पैसा नहीं है कि बाहर जाकर बच्ची का इलाज करा सकें तो वहीं बच्ची की नानी अफसाना खातून ने बताया कि एएनएम प्रविला कुमारी ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया था, जिसके बाद गहरा जख्म हो गया।