ब्यूरो | navpravah.com
कोलकाता | पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली कुछ दिनों से बेहद चर्चा में है। गांववालों की जबरन जमीन हड़पने और ईडी पर हमला करके फरार होने वाला शाहजहां शेख को आज पुलिस ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने शाहजहां शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से गिरफ्तार किया है। पुलिस उसे गिरफ्तार कर बशीरहाट कोर्ट ले गई।
शाहजहां शेख को ईडी की तरफ से तीन समन जारी किए जा चुके थे, लेकिन पुलिस की गिरफ्त दूर बना हुआ था। शेख पर ईडी पर हमले, महिलाओं के यौन उत्पीड़न और राशन घोटाले में शामिल होने के संगीन आरोप हैं। आरोप है कि शाहजहां शेख महिलाओं की सुंदरता को देखकर उनके साथ दुर्व्यवहार करता था।
कौन है शाहजहां शेख-
अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा होते हुए इसने मजदूर यूनियन के नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा। 2004 में कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ा। इसमें उसकी मदद उसके मामा मोस्लेम शेख ने की। जो उस वक्त पर सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख थे। 2010 में बंगाल की राजनीति को भांपते हुए इसने टीएमसी के नेताओं से नजदीकियां बढ़ा ली और फिर तृणमूल कांग्रेस से जुड़ गया। शाहजहां शेख ने शुरुआत में TMC राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक के नेतृत्व में काम किया और जब ज्योतिप्रियो मलिक को मंत्री बने तो शाहजहां शेख की ताकत में और इजाफा हो गया।
रॉबिनहुड नेता की छवि-
इसके बाद उसने तृणमूल कांग्रेस के बैनर तले अपनी ताकत में इजाफा किया। धीरे-धीरे संपत्ति अर्जित करके क्षेत्र में खुद की छवि एक रॉबिनहुड की बना ली। क्षेत्र में कुछ लोगों के लिए नायक और मसीहा बन गया तो कुछ लोगों के लिए खलनायक और यही वजह रही कि 2011 से 2024 तक महिलाएं क्षेत्र में शाहजहां शेख के आतंक को सहती रहीं, लेकिन वे बोल नहीं पा रही थी। पांच जनवरी को जब ईडी ने शाहजहां शेख के खिलाफ कार्रवाई की तो वहां की महिलाओं को लगा कि वे अब बोल सकती हैं और वे भी न्याय की मांग करने लगी।
बीजेपी के दवाब और हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुआ गिरफ्तार-
बीजेपी ने जब राज्य सरकार पर दवाब बनाना शुरू किया और फिर बंगाल हाई कोर्ट ने इसे गिरफ्तार करने के लिए आदेश दिए, तब जाकर पश्चिम बंगाल की पुलिस की कानों पर जूं रेंगा। पुलिस ने इसको गिरफ्तार करने में 57 दिनों का वक्त लगाया।