सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
उत्तरी दिल्ली के विजय विहार में चल रहे आध्यात्मिक विश्वविद्यालय और उसके संस्थापक वीरेन्द्र देव दीक्षित के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। जांच में बलात्कारी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के काले चिट्ठे खुल रहे हैं। जांच टीम लगातार देशभर में फैले कुकर्मी बाबा के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है और बाबा का काला चिठ्ठा सबके सामने आ रहा है।
आज मध्य प्रदेश के इंदौर में वीरेंद्र देव के आश्रम में छापेमारी की गई, जहां से तीन लड़कियों को छुड़ाया गया। बाबा के चंगुल से आजाद हुई लड़कियां अपनी-अपनी आपबीती बयां कर रही हैं। ऐसी ही एक 13 साल की नाबालिग लड़की ने बताया कि बाबा के गुर्गे उन सब पर अत्याचार करते थे। उसने बताया, 50-60 नाबालिग लड़कियों को खड़ा कर पुड़िया में रखा पावडर दिया जाता था, फिर बिना पानी के ही उसे पीने को कहा जाता था।
जब बच्चियां पावडर फाक लेती थीं, तब वो तड़पने लगती थी। पीड़िता बताती है कि इसके बाद उन्हें बेचैनी होती थी, दिमाग कुछ काम नहीं करता था। फिर बाबा और उसके गुर्गे बारी-बारी से बच्चियों से दुष्कर्म करता थे। एक अन्य पीड़ित महिला ने बताया कि बाबा सात दिनों का आध्यात्मिक कोर्स कराने के बहाने यूनिवर्सिटी में दाखिला कराता था। बाबा खुद को भगवान शंकर और कृष्ण का अवतार कहता था, फिर इन युवतियों और लड़कियों से भगवान कृष्ण की गोपियां बनकर रास रचाने को कहता था।
एक अन्य शख्स ने बताया कि उसकी बेटी अमेरिका से यहां आकर बाबा के आश्रम में कैद हो गई। फिलहाल बाबा फरार है, दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई मामले की तहकीकात कर रही है।