एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
उन्नाव में बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गैंगरेप के एक मामले में फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस ने इस मामले में उनको क्लीन चिट दे दी है। लेकिन उनके भाई अतुल सेंगर को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत दर्ज हुए बयान में पीड़िता ने बीजेपी विधायक सेंगर का नाम नहीं लिया था। एफआईआर में भी उनका नाम नहीं था। लिहाजा कुलदीप सिंह सेंगर को क्लीन चिट तो मिल गई लेकिन बीजेपी के लिए यह परेशानी का सबब जरूर बन गया है।
सत्ता में आते ही एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन कर बहन-बेटियों की सुरक्षा का वादा करने वाली बीजेपी की इस मामले के कारण किरकिरी हुई है। योगी सरकार के एक साल सत्ता में होने के बाद यह पहला मौका है जब बीजेपी विधायक पर ही रेप का आरोप लगा है।
ब्राह्मणों के दबदबे वाले उन्नाव जिले में कुलदीप सिंह सेंगर प्रमुख ठाकुर नेता हैं। कुलदीप सिंह कई दलों में रहने के बाद बीजेपी में पहुंचे हैं। सबसे पहले 2002 में बसपा के टिकट पर उन्नाव सदर से पहली बार चुनाव जीते थे।
2007 के विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलते हुए सपा में शामिल हुए। उस साल बांगरमऊ से सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2012 के चुनावों में सपा के टिकट पर ही भगवंत नगर क्षेत्र से विधायक बने।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ठाकुरों, मुस्लिमों और कुछ अन्य सवर्ण जातियों के वोटों की वजह से कुलदीप हर बार चुनाव जीत जाते हैं। वह पूरे उन्नाव में ठाकुरों के सबसे प्रभावी नेता हैं। उन्नाव के हर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा ब्राह्मणों का 20-22 फीसद वोट है।