सचिन तेंदुलकर की बेटी के फेक अकाउंट से शरद पवार को किया आपत्तिजनक ट्वीट, गिरफ्तार

सचिन तेंदुलकर के फेक अकाउंट से किया गया आपत्तिजनक मैसेज

पारुल पाण्डेय | Navpravah.com 

मुंबई की साइबर क्राइम पुलिस ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर के नाम से फर्जी टि्वटर अकाउंट बनाने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर नितिन सिसोदे (39) को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। अंधेरी में रहनेवाले नितिन को लोकसरिता अपार्टमेंट में से अरेस्ट किया गया है। इस आरोपी ने सारा तेंदुलकर के नाम से फर्जी टि्वटर अकाउंट बनाया था, जिसके बाद इस अकाउंट से आरोपी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक ट्वीट किए थे।  

एक निजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, इस मामले में मुंबई की साइबर पुलिस के अनुसार इस बारे में सचिन तेंदुलकर के निजी सचिव ने 9 अक्टूबर 2017 को एक शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपी व्यक्ति पर यह आरोप है कि उसने सारा तेंदुलकर का फेक अकाउंट बनाकर उसके नाम से ट्वीट किया, जिसके बाद इस अकाउंट से 9 अक्टूबर 2017 को शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था। जबकि उस वक्त सारा पढ़ाई के सिलसिले में लंदन में थी। इस केस की शिकायत सचिन तेंदुलकर की ओर से साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी थी।

बता दें कि इस अकाउंट की प्रोफाइल फोटो में आरोपी ने सारा तेंदुलकर का फोटो लगाया था। इस अकाउंट से जब आरोपी ने नेता शरद पवार के नाम पर आपत्तिजनक ट्वीट किया, तो शरद पवार को लगा कि यह ट्वीट सारा ने ही किया है, जबकि यह एक फेक अकाउंट था।

इस मामले की शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि यह फेक अकाउंट नितिन आत्माराम सिसोदे का है, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी के पास से एक लैपटॉप भी बरामद किया गया है। इसी लैपटॉप से अकाउंट बनाया गया था। पुलिस ने आगे बताया कि हम इस फेक अकाउंट बनाने की असली मंशा की खोज में लगे हैं। हम ये भी जानना चाहते हैं कि आरोपी ने केवल सारा का ही फेक अकाउंट बनाया है अथवा किसी और का भी बनाया है।

बता दें कि कुछ वक्त पहले ही सारा तेंदुलकर को धमकी देने और किडनैप करने के मामले में पुलिस ने पश्चिम बंगाल से एक शख्स को गिरफ्तार किया था। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.