एनपी न्यूज़ डेस्क | Navapravah.com
फेसबुक के पांच करोड़ यूजर्स के डाटा लीक होने के बाद फेसबुक को गहरा धक्का लगा है। अमेरिका समेत यूरोपीय यूनियन ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
2.2 अरब यूजर वाली फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी माना है कि उनकी कंपनी ने गलती की है और चूक हुई है। उसके बाद से सोशल मीडिया पर बाकायदा फेसबुक को डिलीट करने का अभियान शुरू हो गया है।
व्हाट्सऐप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने भी यूजर्स से फेसबुक को डिलीट करने के लिए कहा है। ब्रायन एक्टन ने ट्वीट कर अपने फालोअर्स से कहा। यह फेसबुक को हटाने का समय है। फेसबुक ने 2014 में व्हाट्सऐप का अधिग्रहण किया था।
डाटा लीक मामले में यूरोपीय संघ, ब्रिटेन के बाद अमेरिका में भी फेसबुक के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। अमेरिका का संघीय व्यापार आयोग जांच कर रहा है कि क्या फेसबुक ने कैंब्रिज एनालिटिका को सूचनाएं बेची हैं।
इस सम्बंध में फेसबुक का कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने एक ऐप बनाकर इन जानकारियों को चुराया है। यदि जांच में आयोग ने फेसबुक को आरोपी पाया तो उसे प्रति उल्लंघन 40 हजार डॉलर का भुगतान करना पड़ सकता है।
जो पांच करोड़ यूजर्स के डाटा चोरी हुए हैं। उनमें से अधिकांश अमेरिका के ही हैं। वैसे ही इस मामले के उजागर होने के एक सप्ताह के भीतर फेसबुक के शेयरों के बाजार मूल्य में भारी गिरावट दर्ज की गई है और उसको 58 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
फेसबुक हमारी रोजमर्रा जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। सुख-दुख, हर्ष-विषाद के क्षणों को यूजर अब प्राथमिक रूप से इसके माध्यम से ही साझा कर रहे हैं। ऐसे में 2.2 अरब यूजर अपना फेसबुक बंद नहीं कर सकते हैं। फेसबुक की तरह डेढ़ दशक पहले ऑरकुट सबसे प्रमुख सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट थी लेकिन अब यह पूरी तरह से बंद हो चुकी है।