सुनील यादव । Navpravah.com
भोपाल | मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले से जुड़ी पीएमटी-2012 की चार्जशीट सीबीआई ने गुरूवार को कोर्ट में पेश की। सीबीआई के अनुसार इस घोटाले में शामिल रैकेटियर्स ने सीट बेचने के लिए इंजन-बोगी मॉडल का ईजाद किया था। जिसमें ये रैकेटियर्स महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान जैसे राज्यों से होनहार मेडिकल के छात्रों को लालच देकर बोगियों का इंजन बनने को कहते थे। इसके बाद ये रैकेटियर्स व्यापम के अफसरों से मिलकर इस तरह से सीटिंग अरेंजमेंट करवाते थे ताकि एक इंजन के पीछे कई बोगियों को आसानी से नक़ल करवाया जा सके। इनके केंद्र भोपाल, इंदौर और शहडोल में ही रखे जाते थे।
क्या है इंजन-बोगी मॉडल
भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, व्यापम घोटाले में शामिल रैकेटियर्स ने इंजन-बोगी मॉडल का ईजाद किया था। इसमें इंजन का अर्थ नक़ल करवाने वाले और बोगी का अर्थ नक़ल करने वाले स्टूडेंट्स। इस मॉडल का उपयोग कर व्यापम घोटाले में शामिल रैकेटियर्स, मेडिकल के होनहार छात्रों को लालच देकर और व्यापम प्रशासन के आला अफसरों से मिलकर सीटों की हेराफेरी करते थे।
क्यों है 3 ही केंद्र?
_इंदौर शहर में 4 बड़े मेडिकल कॉलेज होने के कारण यहाँ सीटों के ज्यादा खरीददार होते थे। इसलिए व्यापम अफसरों से मिलकर इंदौर में सीटों की ज्यादा हेराफेरी करवाते थे।
_भोपाल में इस रैकेटियर्स के सरगना का हेडक्वार्टर होने की वजह से वहां के गुजराती विद्यालयों में अफसरों से अच्छा सामंजस्य था, जिससे नक़ल करवाने में आसानी होती थी।
_शहडोल शहर राज्य के बॉर्डर पर होने के कारण वहां उतनी देख-रेख नहीं की जाती थी, जिससे इन रैकेटियर्स को मौका मिल जाता था आसानी से नक़ल करवा कर बचने का।
कितने इंजन कितनी बोगियां
पीएमटी-2012 चार्जशीट के अनुसार इस मामले में 348 कैंडिडेट इंजन-बोगी मॉडल में शामिल थे। इन कैंडिडेट्स में से सबसे ज्यादा इंदौर में 124 इंजनों के पीछे 124 बोगियां थी। इसके बाद भोपाल में 32 इंजनों के पीछे 32 बोगियों को बिठाया गया था। अंत में शहडोल में 9 इंजनों की 9 बोगियों को नक़ल करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कौन है इसमें शामिल
इस चार्जशीट में 26 बड़े नाम शामिल हैं। जिसमें पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश एन विजयवर्गीय, एनएल मेडिकल कॉलेज के जयनारायण चौकसे, चिरायु के अजय गोयनका और इंडेक्स के सुरेश भदौरिया जैसे बड़े नाम शामिल हैं।