राजेश सोनी | Navpravah.com
सूरत के एक ऐसे ‘पैड कपल’ का मामला सामने आया है, जो पिछले पांच साल से गरीबों के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड बाँट रहा है। यह कपल हर महीने गरीबों के लिए पांच हज़ार से ज्यादा पैड बांटता है। बता दें कि सूरत के अतुल और मीणा मेहता सूरत में रहने वाली गरीब महिलाओं के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं।
फिल्म पैडमैन के बाद देश के अधिकतर लोगों ने असली पैडमैन के जीवन संघर्ष को जाना। फिल्म के ज़रिये काफी हद तक सैनेटरी पैड को लेकर समाज की सोच को भी एक नई दिशा मिली। इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे बीच ऐसे कई प्रेरणास्रोत हैं, जो बिना शोर मचाए अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक़, अतुल और मीणा मेहता पिछले पांच सालों से सूरत के गरीब महिलाओं को सेनेटरी पैड बाँटते हैं। दम्पति का कहना है कि ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं, जो महंगे पैड्स नहीं खरीद सकती हैं। ऐसे में अगर उन्हें पैड्स नहीं मिलेगा, तो वे गंदे कपड़ों का इस्तेमाल करेंगी, जो कि जानलेवा है।
यह कपल सेनेटरी पैड सूरत के झोपड़पट्टियों, सरकारी विद्यालयों और आंगनवाड़ी में मुफ्त में वितरित करते हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू देते हुए मीणा मेहता ने कहा कि मैंने जब एक दिन 2 गरीब लड़कियों को कचरे के डिब्बे से सेनेटरी पैड उठाते देखा, तब मुझे बहुत दुःख हुआ। मैंने जब उनसे पूछा कि आप ऐसे सेनेटरी पैड क्या करते हैं, तब उन्होंने कहा कि हम उन्हें धोकर वापस इस्तेमाल करते हैं। उनकी यह बात सुनकर मैंने अंदाज़ा लगा लिया कि यह शहर की हज़ारों गरीब महिलाओं की दास्ताँ है, जो हम तक नहीं पहुँच पाती।
उसके बाद हमने अपने स्तर पर इस समस्या को हल करने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही समय बाद हमें लगा कि समाज से ही अगर कई लोग इस काम में शामिल हो जाएं, तो यह समस्या जल्द ही समाप्त की जा सकेगी और अधिकाधिक लोग जागरूक होंगे।