दिन पर दिन बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च 2020 के बाद BS-IV मानक वाले वाहनों की बिक्री नहीं करने का आदेश दिया है,
उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि, देशभर में एक अप्रैल, 2020 से भारत स्टेज-4 (बीएस-4) श्रेणी के वाहन नहीं बेचे जाएंगे।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि उक्त तारीख से पूरे देश में बीएस-6 के अनुकूल वाहनों की ही बिक्री की जा सकेगी।
पीठ ने कहा कि और अधिक स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ना वक्त की जरूरत है, बीएस-4 नियम अप्रैल 2017 से देशभर में लागू हैं, वर्ष 2016 में केंद्र ने घोषणा की थी कि देश में बीएस-5 नियमों को अपनाए बगैर ही 2020 तक बीएस-6 नियमों को लागू कर दिया जाएगा।
अक्सर आप सुनते होंगे बीएस-2 वाहन, बीएस-3 वाहन और बीएस-4 वाहन। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन संख्याओं का मतलब क्या है? बीएस के आगे संख्या के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं।
भारत में गाड़ियों के प्रदूषण को मापने के लिए बीएस का इस्तेमाल किया जाता है, बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है उस गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है, ये बीएस मानक देश का केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तय करता है, साथ ही देश में चलने वाली हर गाड़ी के लिए यह आवश्यक होता है कि वह इन सभी मानकों पर खरी उतरे।
कंपनियों की तरफ से भरोसा दिलाया गया कि वे डेडलाइन से पहले BS-IV वाहनों की बिक्री बंद कर देंगे, लेकिन उन्हें स्टॉक की बिक्री के लिए 6 महीने का ग्रेस पीरियड दिया जाना चाहिए, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि मैन्युफैक्चरिंग के साथ बिक्री की भी अनुमति नहीं दी जाएगी।