एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
7 फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह जा रहा इंडियन एयरफोर्स का विमान रोहतांग दर्रे के पास क्रैश हो गया था, इसमें 102 लोग सवार थे, उस हादसे में मारे गए एक व्यक्ति का शव हाल ही में मिला, हादसे के बाद 50 साल से शवों की खोज की जा रही है, लेकिन अब तक सिर्फ छह शव मिल सके हैं।
50 साल पहले हादसे के दिन मौसम खराब होने पर पायलट ने लौटने का फैसला किया, थोड़ी देर बाद कंट्रोल रूम से विमान का संपर्क टूट गया और वह क्रैश हो गया, पर्वतारोही और सेना के जवान लगातार इनकी तलाश में जुटे रहे।
बताया गया था, कि जब आखिरी बार रेडियो से विमान का संपर्क हुआ तब विमान रोहतांग दर्रे के ऊपर उड़ रहा था उसके बाद से विमान से सपंर्क नहीं हो पाया था।
पर्वतारोहियों के एक दल के लीडर राजीव रावत ने बताया कि 1 जुलाई को उनकी टीम को चंद्रभागा-13 की चोटी के पास एक शव मिला, यह शव एक सिपाही का है, शव के पास ही विमान का कुछ मलबा भी मिला है, रावत की टीम ने 16 जुलाई को विमान के मलबे और शव के फोटो भारतीय सेना को भेजे।
इसके बाद सेना ने फिर सर्च अभियान शुरू कर दिया, 2003 में मनाली स्थित पर्वतारोही इंस्टिट्यूट की टीम को पहली डेडबॉडी मिली, जो सिपाही बेली राम की थी, अगस्त 2007 में भारतीय सेना ने एक और ऑपरेशन शुरू किया, इस दौरान ढाका ग्लेशियर के पास 3 शव बरामद हुए।