उपराष्ट्रपति चुनाव: संजय राउत के बयान से एक बार फिर मची खलबली

न्यूज़ डेस्क | navpravah.com

नई दिल्ली | शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि राजग चुनाव जीतने के लिए आंकड़े को लेकर आश्वस्त नहीं है, इसलिए वे विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं। राउत ने सवाल उठाया कि जब आपके पास बहुमत है, तो आपको विपक्ष के समर्थन की जरूरत क्यों पड़ रही है।

चार अगस्त को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। राजग की तरफ से सी पी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से बी सदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार हैं। आंकड़ों को देखें तो राजग का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। राजग के पास दोनों सदनों की संख्या को मिलाकर उपराष्ट्रपति पद के लिए बहुमत नजर आ रहा है, लेकिन राउत के इस बयान ने चुनाव को रोचक बना दिया है।

अगर बहुमत है तो विपक्ष से क्यों मांग रहे वोट?

दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि विपक्ष के पास संख्याबल कम नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के नेताओं ने कई विपक्षी दलों से आधिकारिक तौर पर संपर्क किया और वोट की अपील की। राउत ने कहा कि अगर राजग को लगता है कि उनके पास पर्याप्त संख्याबल है तो वो विपक्षी दलों से वोट की अपील क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि राजग की स्थिति उतनी भी मजबूत नहीं है जितनी दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बार भी सत्ताधारी गठबंधन अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने से पहले विपक्ष से संवाद करने में असफल रहा।

राउत ने सी पी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब प्रवर्तन निदेशालय ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की थी, तब सोरेन राजभवन मे ही थे। राउत के अनुसार यह पूरी कारवाई संवैधानिक परंपराओं के खिलाफ थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उस वक्त राधाकृष्णन ने न तो ईडी अधिकारियों को रोका और न ही संवैधानिक दायरे में अपनी भूमिका निभाई।

संजय राउत ने आगे कहा कि विपक्ष की यह लड़ाई केवल एक पद के लिए नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने साफ कहा कि विपक्ष तानाशाही प्रवृति और उसे समर्थन देने वाले ताकतों के खिलाफ खड़ा है।

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