सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
काबुल से भारत लौटी शरणार्थी अमरजीत कौर परेशान हैं, तीन बच्चों के साथ मानसिक रूप से बीमार पति की जिम्मेदारी है, लेकिन चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही है।
कौर ने बताया कि, काबुल में सुसर परिवार को चलाते थे, लेकिन एक बम ब्लास्ट ने सब कुछ तबह कर दिया, ब्लास्ट में ससुर की मौत के बाद परिवार रोटी के लिए तरस गया।
कौर ने कहा कि, बच्चों की भविष्य की चिंता के साथ भारत लौटी, सोचा था कि छोटा-मोटा काम करके परिवार को चला लेंगें, लेकिन, परिवार को चलाना तो दूर, घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है।
काबुल से भारत लौटी शरणार्थी अमरजीत कौर का आरोप है कि उसको और उसके परिवार को धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म में अपना लेने को कहते हैं, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के लोकसभा में पास होने के बाद से भारत में रह रहे शरणार्थी अमरजीत की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अफगान शरणार्थी मनोहर सिंह का कहना है कि हमारे ही देश में हमें भारतीय नहीं गिना जाता है, हम नागरिकता के लिए 20-25 साल से कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि मैं सभी पार्टियों से दरख्वास्त करता हूं कि इस बिल को पारित कर दें।
बता दें कि, अभी के कानून के मुताबिक, इन लोगों को 12 साल बाद भारत की नागरिकता मिल सकती है, लेकिन बिल पास हो जाने के बाद यह समयावधि 6 साल हो जाएगी, वैध दस्तावेज न होने पर भी 3 देशों के गैर मुस्लिमों को इसका लाभ मिलेगा।