उत्तर प्रदेश में आसान नहीं है महागठबंधन की राह

हागठबंधन में तय हुआ
हागठबंधन में तय हुआ

सौम्या केसरवानी | Navpravah.com

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी  के खिलाफ बन रहे गैर महागठबंधन में पेंच फंसता दिख रहा है, अजित सिंह पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने महागठबंधन में सम्मानजक सीटों की मांग रख दी है।

सूत्रों के अनुसार, RLD ने यूपी में महागठबंधन में 5 सीटों की मांग की है, किसानों के बीच अच्छी पकड़ रखने वाली RLD ने मुज़फ्फरनगर, बागपत, मथुरा, अमरोहा समेत 5 सीटें मांगी हैं. माना जा रहा है कि 15 जनवरी के बाद उत्तर प्रदेश में महागठबंधन का ऐलान किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन में तय हुआ है कि सपा और बसपा 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ेंगें, रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए छोड़ दी जाएगी, बाकी की 4 सीटें सहयोगी दलों को दी जाएंगीं।

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी को करारी शिकस्त मिली थी, खुद पार्टी अध्यक्ष अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी चुनाव हार गए थे, हालांकि साल 2018 में कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा और बसपा के सहयोग से आरएलडी के प्रत्याशी तबस्सुम हसन को जीत मिली थी।

सपा कार्यालय में कल अखिलेश से मुलाकात के बाद रालोद उपाध्यक्ष ने कहा, अखिलेश के साथ राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई, आगे क्या होना चाहियें इस पर भी चर्चा हुई, उनसे पूछा गया कि क्या गठबंधन में रालोद को मिलने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई इस सवाल को उन्होंने टालते हुये कहा ‘सीटों की बेचैनी मीडिया को है, सारी बाते साफ होंगी, सस्पेंस बनायें रखें।

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