सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध डिग्री व पीजी कॉलेजों में 70 वर्ष से कम उम्र के रिटायर शिक्षकों की सेवाएं अब ली जाएंगी। शिक्षकों की कमी को देखते हुए, उनकी नियुक्ति एक वर्ष के लिए की जाएगी। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल की ओर से राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए अलग-अलग शासनादेश जारी किया गया है। इसमें राज्य विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वे स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में 30 जून तक रिक्त होने वाले पदों का विवरण दो महीने पहले ही तैयार कर लें।
शासनादेश में इन शिक्षकों के चयन के लिए एक चयन समिति का भी गठन किया गया है। इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति अध्यक्ष, कुलसचिव सदस्य संयोजक तथा संबंधित संकाय के अध्यक्ष व संबंधित विभाग के अध्यक्ष सदस्य होंगे। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर पर 25 हजार रुपए प्रतिमाह की अधिकतम सीमा के तहत 500 रुपए प्रति व्याख्यान की दर से, एसोसिएट प्रोफेसर स्तर पर 30 हजार रुपए प्रतिमाह की अधिकतम सीमा के तहत 600 रुपये प्रति व्याख्यान की दर से तथा प्रोफेसर स्तर पर 35 हजार रुपये प्रतिमाह की अधिकतम सीमा के तहत 700 रुपये प्रति व्याख्यान की दर से मानदेय दिया जाएगा।
इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर स्तर पर 30 हजार रुपये प्रतिमाह की अधिकतम सीमा के तहत 600 रुपये प्रति व्याख्यान की दर से तथा प्रोफेसर स्तर पर 35 हजार रुपये प्रतिमाह की अधिकतम सीमा के तहत 700 रुपये प्रति व्याख्यान की दर से मानदेय दिया जाएगा।