क्राइम डेस्क. निर्भया हत्या कांड के दोषियों की फांसी की सजा दो बार टाली जा चुकी है. निर्भया के दोषी फांसी से बचने के लिए नए-नए तरिके अपना रहे है. दोषी विनय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है. अब फांसी का रास्ता साफा होता नजर आ रहा है. दोषियों के वकील एपी सिंह ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विनय को जेल में प्रताड़ित किया गया जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार हो गया है.
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विनय की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज करने को चुनौती दी गई थी। विनय की याचिका खारिज करने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह मेडिकली फिट है.मृत्युदंड से बचने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं. इसी कड़ी में विनय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रपति के दया याचिका को खारिज करने को चुनौती दी गई थी. इसी याचिका पर सुनवाई में बृहस्पतिवार को दोषियों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विनय को जेल में बहुत प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार हो गया है. राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते समय उसके मानसिक रूप से बीमार होने के पहलू पर विचार नहीं किया.
वहीं, दूसरी तरफ सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विनय के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए अदालत को बताया था कि विनय शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट और स्वस्थ चित्त है. कोर्ट ने करीब दो घंटे तक जिरह सुनने के बाद विनय की याचिका पर शुक्रवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
वकील एपी सिंह ने दया याचिका खारिज करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उप राज्यपाल ने दया याचिका प्रेषित करने की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. वकील ने कोर्ट से फाइल दिखाने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी. परंतु सरकार की ओर कोर्ट मे ओरिजनल फाइल पेश की जिसे कोर्ट ने देखा. कोर्ट ने फाइल देखकर पाया कि उस पर दिल्ली सरकार के संबंधित मंत्री और उप राज्यपाल के हस्ताक्षर थे.
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में निर्भया के साथ छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. इनमें राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्म हत्या कर ली थी और एक नाबालिग अपनी सजा पूरी कर चुकी है. दूसरी ओर विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह ठाकुर को निचली अदालत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट फांसी की सजा सुना चुका है।