न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
जम्मू कश्मीर से निलम्बित डिप्टी एसपी दविंदर सिंह से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) द्वारा सोमवार को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया गया। जाँच एजेंसी की चार्जशीट में कुल ६ लोगों का नाम सामने आया, जो कथित रूप से कई सालों से देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में संलिप्त थे।
एनआईए की चार्जशीट में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। चार्जशीट के मुताबिक़, दविंदर दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कई अधिकारियों के साथ सीधे सम्पर्क में था। किसी को इस मिलीभगत का अंदाज़ा न हो, इसके लिए दविंदर सोशल मीडिया के ज़रिए इन अधिकारियों से सम्पर्क करता था। जानकारी यह है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने भारत की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी अधिकारियों तक भेजने के लिए ही दविंदर को तैयार किया था।
चार्जशीट में स्पष्ट है कि दविंदर सिंह किस तरह हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर सैयद नवीद, रफी अहमद और इरफान शफी मीर को अपनी कार में बैठाकर उन्हें कश्मीर से सुरक्षित बाहर निकालने की फिराक में था, लेकिन कुलगाम में इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।
एनआईए ने चार्जशीट में कई चौंकाने वाले ख़ुलासे किए हैं। चार्जशीट के मुताबिक़, इरफान शफी मीर जो वकील होने का दावा करता है, लगातार पाकिस्तान उच्चायोग के संपर्क में था। यही नहीं मीर ही जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी सेमिनार के लिए पैसा जुटाने का भी काम करता था।
चार्जशीट में बताया गया है कि इरफान शफी मीर दिल्ली में मौजूद पाकिस्तान उच्चायोग से निर्देश लेता था और बड़ी संख्या में कश्मीरियों के लिए वीजा बनवाने का काम करता था। यही नहीं ये सभी आरोपी हिज़बुल मुजाहिदीन और पाकिस्तानी अधिकारियों के इशारे पर भारत में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए योजना भी बनाते थे।