सौम्या केसरवानी | navpravah.com
नई दिल्ली | आजकल चर्चित कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला लिया गया है, संजय रॉय पहले ही अपना अपराध स्वीकार कर चुका है और उसे अपने किए गये कुकर्म का कोई पक्षतावा नहीं है।
अन्य केसों में आरोपी अपनी जमानत के लिए या सजा से बचने के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन इस मामले में आरोपी खुद अपराध स्वीकार कर चुका है, कि उसने यह जघन्य अपराध किया है, ऐसे में इन चीजों की जरूरत ही नहीं है।
आरोपी संजय कोलकाता पुलिस का सहयोगी था, इसी वजह से उसे अस्पताल में आने-जाने की छूट थी, वह अस्पताल के सभी विभागों में बिना किसी रोक-टोक के आ जा सकता था, इसलिए वारदात वाली रात भी वह शराब के नशे में होने के बावजूद अस्पताल के अंदर पहुंच गया और इस घिनौने अपराध को किया।
सीबीआई अधिकारी ने बताया कि, तकनीकी और वैज्ञानिक दोनों तरह के सबूत इस बात को साबित करते हैं कि, आरोपी अपराध स्थल पर मौजूद था, अधिकारी ने बताया कि, फुटेज में रॉय को आठ अगस्त को रात 11 बजे छाती रोग विभाग वार्ड के पास देखा गया था, उन्होंने आगे कहा कि, फुटेज में वह नौ अगस्त को सुबह करीब चार बजे फिर से उसी इमारत में प्रवेश करते हुए दिखा था।
रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि, ऐसी हैवानियत संजय जैसा दरिंदा ही कर सकता है, वह विकृत व्यक्ति था और अश्लील सामग्री देखने का आदी था। अधिकारी ने बताया कि, कोलकाता पुलिस का स्वयंसेवी रहा आरोपी ‘‘जानवर जैसी प्रवृत्ति’’ का है, उसके दिमाग में हमेशा अश्लीलता ही घूमती रहती है।
बता दें कि, महिला के साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया गया था, इससे उसकी आंख, मुंह और प्राइवेट पार्ट से भी खून निकल रहा था, उसकी गर्दन और कमर की हड्डी भी टूटी हुई थी और आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले शराब पी थी और दो रेड लाइट एरिया में भी गया था और वहां से वापस आने के बाद उसने वारदात को अंजाम दिया था।