नृपेन्द्र कुमार मौर्य | navpravah.com
नई दिल्ली | केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है। जहां एक ओर सरकार इस योजना को सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि बता रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी इस पर सवाल उठा रही है।
कांग्रेस का आरोप: यू-टर्न की राजनीति-
कांग्रेस का आरोप है कि यूपीएस में ‘यू’ का मतलब मोदी सरकार का ‘यू-टर्न’ है। पार्टी का कहना है कि सरकार ने पहले एनपीएस को लागू किया था और अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो वोट बैंक को साधने के लिए यह नई योजना लाई गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जनता की शक्ति ने सरकार को यह यू-टर्न लेने पर मजबूर किया है।
यूपीएस क्या है और इसके फायदे क्या हैं?
यूपीएस एक ऐसी पेंशन योजना है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सुनिश्चित पेंशन मिलती है। इस योजना के तहत कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों की औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा। यह योजना न्यूनतम 10 साल की सेवा वाले कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी।
एनपीएस और यूपीएस में क्या अंतर है?
एनपीएस एक मार्केट लिंक्ड पेंशन योजना थी, जिसमें पेंशन की राशि बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती थी। जबकि यूपीएस में पेंशन की राशि सुनिश्चित होती है।
सियासी माहौल में नई पेंशन योजना-
नई पेंशन योजना को लेकर छिड़ी इस बहस से साफ है कि यह आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकती है। कांग्रेस इस मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, जबकि सरकार अपनी इस योजना को जनता के हित में बता रही है।