एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत गुरुवार को देशभर में रिलीज हो गई है। ऐसे में कई राज्यों में इस फिल्म को लेकर हुई हिंसा को देखते हुए सुरक्षा का इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। पद्मावत फिल्म को लेकर लगभग 75 फीसदी मल्टीप्लेक्स मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाली मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म को नहीं दिखाया जाएगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट में चार राज्यों के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल की गई है। इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी।
इसी बीच एक टीवी चैनल के दफ्तर पहुंचे मुंबई करणी सेना के अध्यक्ष अजय सिंह सेंगर को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है। वहीं मध्यप्रदेश पुलिस ने बताया कि मध्य प्रदेश में करीब 200 प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक तीन को अवरुद्ध किया। करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा कि जिन थियेटरों में फिल्म दिखाई जाएगी वहां जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा।
इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि शिवसेना नेताओं ने करणी सेना को इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच सपने का एक दृश्य है, जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हालांकि पहले फिल्मकारों ने भरोसा दिलाया था कि फिल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं है।
इस मामले पर सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तोड़फोड़ की इजाजत नहीं देती तो जो विरोध कर रहे हैं, उनके साथ बैठकर इसे सुलझाया जाए। जबकि पद्मावत फिल्म पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी धर्म या जाति की भावनाओं को आहत करने वाली फिल्मों को नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं अभिनेता भी अपना विरोध सोशल मीडिया पर करने से पीछे नहीं हैं। फिल्म अभिनेता फरहान अख्तर ने कहा कि स्कूल बस पर हमला एक आंदोलन नहीं है। यह आतंकवाद है और जिन लोगों ने यह किया वे आतंकवादी हैं।
इस पर गुस्साए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं भाजपा व करणी सेना से पूछना चाहता हूं कि आप इतने निर्मम और निर्दयी हैं कि मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा? आप कहते हो हम हिंदुओ, राजपूतों के लिए लड़ रहे हैं। पर इन बच्चों में भी कई हिंदू होंगे, शायद कुछ राजपूत भी हों। आपने बच्चों पर हमला क्यों किया? आख़िर किसके लिए लड़ रहे हो?
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष दीपक अशर ने बताया कि हमने चार राज्यों राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म नहीं चलाने का फैसला किया है क्योंकि स्थानीय प्रबंधन ने हमें बताया कि कानून-व्यवस्था के हालात अच्छे नहीं हैं। वहीं गुजरात के सिनेमाघर मालिकों ने भी फिल्म को लेकर पैदा विवाद सुलझने तक राज्य के किसी भी मल्टीप्लेक्स या सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर में इस फिल्म को नहीं दिखाने की बात कही।