अमित द्विवेदी | Navpravah.com
सोमवार को जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने यह बात स्पष्ट की कि शोपियां गोलीबारी मामले में मेजर आदित्य का नाम बतौर आरोपी नहीं दर्ज किया गया है। इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट ने मेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर रोक लगा दी थी। गत 12 फरवरी को इस मामले की सुनवाई की गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया था।
कोर्ट ने इस सम्बन्ध में राज्य से दो सप्ताह के भीतर इस सम्बन्ध में जवाब माँगा था। शोपियां में गोलीबारी की घटना में पुलिस द्वारा सेना के मेजर पर दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ उनके पिता ने न्यायालय का रुख किया था। न्यायालय के सामने मेजर के पिता ने पूरे मामले की हकीकत पेश किया, जिसमें उन्होंने यह बताया कि दरअसल यह पूरा मामला अलग है और पुलिस इसमें मेजर को अनावश्यक लपेट रही है।
न्यायालय के सामने मेजर के पिता ने सब स्पष्ट बताया है। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा है कि उनका बीटा सैन्य कर्मियों को बचाना चाहता था और हिंसक भीड़ को काबू कर पाना मुश्किल था, इसलिए उसने गोलियां चलाई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेना ने हिंसक भीड़ से पहले वहाँ से चले जाने और उपद्रव न करने को कहा था, लेकिन किसी ने एक न सुनी और स्थिति नियंत्रण से बाहर चली गई।
सुप्रीम कोर्ट को लिखी अर्जी में मेजर के पिता ने स्पष्ट किया है कि हिंसक भीड़ ने एक जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी को पकड़ लिया और उसे पीट पीट कर मार डालने पर उतर आयी तो भीड़ को तितर-बितर करने के लिए मजबूरन सेना को ठोस कदम उठाना पड़ा।