जल्लीकट्टू विवाद पर अब कोर्ट सख्त रूप में नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की संयुक्त पीठ ने संबंधित मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपने का फैसला किया और उसके निधार्रण के लिए पांच बिंदु तय किए। आज प्रमुख सुनवाई में न्यायमूर्ति नरीमन ने आदेश सुनाते हुए कहा, ‘हमने संविधान पीठ के निधार्रण के लिए पांच बिंदु तय किये हैं।’
गौरतलब है कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकारों ने प्रीवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स एक्ट, 1960 में संशोधन किया है और क्रमश: जल्लीकट्टू तथा बैलगाड़ी प्रतियोगिता को मंजूरी दी है। दोनों राज्यों में हुए संशोधन की वैधता को न्यायालय में चुनौती दी गयी थी।
बता दें कि पशु कल्याण संगठनों के प्रयास के बाद साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों के साथ हिंसक बर्ताव को देखते हुए इस खेल को बैन कर दिया था, जिसके बाद तमिलनाडु में इस बैन के खिलाफ काफी प्रदर्शन हुआ।