एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पाकिस्तान में तैनात तीन भारतीय अफसरों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हनीट्रैप के जाल में फसाना चाहता था। लेकिन भारतीय अधिकारीयों ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को सही समय पर भांप कर विफल कर दिया।
बता दें कि पाकिस्तान पहले से ही भारत से जुड़ी खुफिया सूचनाएं इकट्ठा करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। इसके लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पाकिस्तान में तैनात तीन भारतीय अफसरों को हनीट्रैप करने की नापाक कोशिश की थी, लेकिन भारतीय अधिकारीयों ने इस साजिश को सही समय पर भांप कर नाकाम कर दिया। भारत सरकार ने इन तीनों अफसरों को वापस देश बुला लिया है। ये तीनों अफसर भारतीय उच्चायोग में सरकारी दस्तावेजों का अनुवाद करते थे।
भारत के एक अखबार की खबर के मुताबिक आईएसआई ने भारत की गुप्त सूचनाएं हासिल करने के लिए इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात इन तीनों अफसरों को फ़साने के लिए हनीट्रैप का जल बिछाया था। आईएसआई के नापाक साजिश के बारे में पता चलते ही भारत सरकार ने इन तीनों अधिकारीयों को वापस देश बुला लिया। फ़िलहाल इन से पूछताछ जारी है।
प्रारंभिक जांच में इन तीनो अधिकारीयों के खिलाफ किसी साजिश में शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। अब इन्हे दोबारा पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात नहीं किया जाएगा। दुश्मन देश की एजेंसियों द्वारा किसी देश के अधिकारीयों को फ़साना आम बात है, लेकिन पाकिस्तान का भारतीय अफसरों के खिलाफ ऐसा करना असामान्य बताया जा रहा है। इन तीनों अफसरों पर जांच जारी होने के कारण इन तीनों की पहचान को गुप्त रखा गया है।
इससे पहले भी 2010 में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात अफसर माधुरी गुप्ता पर आईएसआई को देश की सवेंदनशील सूचनाएं को लीक करने का मामला सामने आया था। बाद में माधुरी गुप्ता को भारतीय एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया था।