एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सरकार रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर रही है। देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, जवानों की नौकरी छोड़ने वाले जवानों की बढ़ती संख्या बढ़ती जा रही है।
पिछले तीन साल में पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों में नौकरी छोड़ने का ट्रेंड लगभग 4 गुना तक बढ़ गया है। बेहतर करियर की चाह में पिछले 3 साल में 14,587 अधिकारियों और जवानों ने स्वैच्छा से नौकरी छोड़ी है।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ और असम राइफल के 14,587 जवानों और अधिकारियों ने स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया है।
आंकड़ों के अनुसार, 2015 में सीआरपीएफ के 1376 जवानों ने नौकरी छोड़ी, जबकी 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 5123 पर पहुंच गया। यही हाल बीएसएफ के जवानों का भी रहा, 2015 में 909 बीएसएफ जवानों ने नौकरी छोड़ी, वहीं 2017 में यह आंकड़ा 6400 को पार कर गया।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जवानों और अधिकारियों के नौकरी छोड़ने का ये सिलसिला 2024 तक जारी रहनेवाला है। क्योंकि बहुत से जवान और अधिकारी बेहतर करियर के लिए प्राइवेट सेक्टर में नॉकरियां तलाश रहे हैं। जो कि नौकरी छोड़ने का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है।