राजेश सोनी | Navpravah.com
दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में भारत के थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि अब इस बात को हमें निश्चय करने का समय आ गया है कि हम अपनी अगली लड़ाई हमारे देश में तैयार स्वदेशी हथियारों से लड़ें। रावत ने आगे कहा कि हम धीरे-धीरे विदेशी हथियारों की आयात को कम करने की दिशा की ओर अग्रसर हैं। वहीं केंद्र सरकार ने हथियारों को देश में ही तैयार करने के काम को अपनी महत्त्वपूर्ण योजना मेक इन इंडिया से भी जोड़ा है। इसके लिए केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कई कदम भी उठाए गए हैं।
भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर जब रावत से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के बीच चल रहे तूटिंग विवाद को सुलझा लिया गया है। दो दिन पहले ही दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई थी। वहीं उन्होंने डोकलाम विवाद पर बताया कि डोकलाम विवाद भी सुलझने की ओर है और चीन लगातार डोकलाम क्षेत्र में अपने सैनिकों की तादाद कम कर रहा है। गौरतलब है कि पिछले 1.5 बरस से डोकलाम विवाद को लेकर भारत और चीन के रिश्तों में खटास आ गई थी।
जनरल रावत से आगे जम्मू-कश्मीर को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हम कश्मीर के भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें आतंकवाद का रास्ता अपनाने से रोक रहे हैं। रावत ने आगे कहा कि आतंकवादी इससे पहले भी हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालते रहे हैं और यह उनका प्रोपोगेंडा का हिस्सा है। इसमें कोई डरने की बात नहीं है। भारतीय सेना कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अपना सख्त रवैया आगे भी अपनाए रहेगी। हम अपना काउंटर एमर्जेन्सी ऑपरेशन जारी रखेंगे।