एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
उच्चतम न्यायालय ने बच्चों से संबंधित यौन हिंसा के मुकदमों की सुनवाई के संबंध में सभी उच्च न्यायालयों को आज अनेक निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालयों से कहा गया है कि निचली अदालतों को पोक्सो कानून के तहत लंबित मामलों में अनावश्यक सुनवाई स्थगित नहीं किया जाये
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर ओर न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सभी उच्च न्यायालयों को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि विशेष अदालतों द्वारा बच्चों से यौन हिंसा के मुकदमों की सुनवाई तेजी से करके उनका फैसला करें।
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालयों को निचली अदालतों को यह निर्देश देने के लिये कहा है कि वे यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण कानून के तहत लंबित मुकदमों की सुनवाई स्थगित करने की अनावश्यक इजाजत नहीं दें।
दिल्ली के सुभाष पार्क में रेप केस पर SC ने कहा, न्यायालय ने अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव की जनहित याचिका का निबटारा करते हुये यह निर्देश दिया।
श्रीवास्तव ने राजधानी के नेताजी सुभाष पार्क के निकट एक बस्ती में 28 वर्षीय रिश्तेदार द्वार आठ महीने की बच्ची से कथित बलात्कार के मामले में याचिका दायर की थी। नवजात शिशुओं और नाबालिग बच्चियों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुये केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 21 अप्रैल को ऐसे अपराधों के कानून में कठोर प्रावधान करते हुये एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी।