सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा हुई, जिसके बाद से इलाके में तनावपूर्ण माहौल है। इसी बीच, पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हिंसा में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की जाएगी।
उन्होंने कहा कि घर-घर में तलाशी ली जा रही है, कुछ जगहों पर विस्फोटक तत्व भी बरामद हो रहे हैं। इस बीच, हालात के मद्देनजर कासगंज में शांति समिति की बैठक आयोजित की गयी है। विपक्ष की ओर से सपा और बसपा ने इस पूरी हिंसा के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि योगी सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह असफल रही है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किर लिया है। पुलिस का दावा है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लिहाजा अब कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है। इलाके पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है।
पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ़ जोन संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर के नदरई गेट इलाके के बाकनेर पुल के पास आज एक गुमटी में आग लगा दी गयी थी। हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए हालात को जल्दी काबू कर लिया है। नामजद आरोपियों के घरों पर दबिश दी जा रही है। आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनन्द ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि शहर में डर का माहौल नहीं है। पुलिस ने वारदात पर रोक लगायी है और घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा।
इस घटना को लेकर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का भी बयान आया है। राज्यपाल ने ट्वीट करके कहा है कि जो कासगंज में हुआ वो किसी को भी शोभादायक नहीं है। वहां जो घटना हुई वो यूपी के लिए कलंक के रूप में हुई है, सरकार उसकी जांच कर रही है। सरकार ऐसे कदम उठाए कि फिर ऐसा न हो। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए युवक चंदन अभिषेक के परिजनों को 20 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह जानकारी प्रदेश के मुख्य सचिव ने दी है।