नृपेन्द्र कुमार मौर्य| navpravah.com
नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के आरा कला कजरीगढ़ गांव में दीपावली के दिन, जब हर घर रोशनी से जगमगा रहा था, दुबे परिवार के घर पर एक भयानक हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया। दिलीप कुमार दुबे का परिवार, हर साल की तरह इस बार भी दीप जलाकर अपने घर को सजाने की तैयारी कर रहा था। लेकिन इस दीप जलाने की परंपरा के बीच कुछ लोगों के विरोध ने एक भयानक मोड़ ले लिया।
गांव के रविशंकर, ध्रुवशंकर, दारा सिंह और राम अभिलाष सहित अन्य लोग अचानक वहां पहुंचे और दीप जलाने का विरोध करने लगे। बात गाली-गलौज तक पहुंच गई, और जब दिलीप के छोटे भाई पवन दुबे ने इसका विरोध किया, तो मामला बढ़ गया। हाथों में लाठी, डंडे, सरिया और गड़ासे लिए हुए लोग पवन पर टूट पड़े, उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। खून से लथपथ पवन को बेहोशी की हालत में छोड़कर हमलावर उनकी दुकान में भी तोड़फोड़ करते हुए निकल गए।
परिवार के बाकी सदस्य-पिता राजेंद्र दुबे, चाचा जितेंद्र, और भाई इंद्र कुमार-जो बीचबचाव के लिए आगे आए, उन्हें भी पीट-पीटकर घायल कर दिया गया। सभी के सिर, हाथ और पैर में गहरी चोटें आईं। हमले के बाद पवन की हालत गंभीर थी और उन्हें तुरंत एसआरएन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके परिवार और गांव के लोग उनके ठीक होने की प्रार्थना करते रहे। लेकिन रविवार की सुबह की पहली किरण के साथ, उनके परिवार को एक दर्दनाक खबर मिली- पवन अब इस दुनिया में नहीं रहे।
यह खबर पूरे गांव में शोक और स्तब्धता का कारण बन गई। दीपावली के जिस पर्व पर अंधकार का अंत माना जाता है, उसी दिन दुबे परिवार के जीवन में एक ऐसा अंधेरा आया जो शायद कभी न मिट सके। पवन की मां और परिवार के लोग दीपावली पर घर के आंगन में रखे उन बुझते दीपों को देख रहे हैं, जो इस बार उनके बेटे के बिना रोशनी नहीं दे पाएंगे।
इस दर्दनाक घटना ने गांव को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि छोटी-छोटी बातों पर इतना बड़ा विवाद कैसे खड़ा हो सकता है। दीप जलाने जैसी बात पर इतना घातक हमला, जिसने एक युवक की जान ले ली और एक परिवार को हमेशा के लिए तोड़ दिया, किसी के लिए भी असहनीय है।
दिलीप कुमार दुबे की शिकायत पर पुलिस ने रवि शंकर यादव, ध्रुव शंकर, रतन सिंह, लवकुश, राम अभिलाष, धारा सिंह, कुलदीप, विकास यादव, चिंतामणि, विपिन यादव और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था। चार आरोपियों – सुनील कुमार, ध्रुव शंकर, रवि शंकर और धारा सिंह-को गिरफ्तार किया गया है। पहले जो मुकदमा मारपीट का दर्ज था, उसे पवन की मृत्यु के बाद हत्या की धारा में परिवर्तित कर दिया गया है।
आज, आरा कला कजरीगढ़ का यह गांव, जो दीपावली के रौशन पर्व पर जगमगाने वाला था, उस अंधेरे में डूबा हुआ है जिसे एक परिवार ने झेला है। दुबे परिवार को अब केवल न्याय का इंतजार है, और गांव के लोग उस परिवार की तकलीफ के बीच यह उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसी घटनाएं कभी किसी के साथ न हों।