दीपावली: प्रकाश के इस महापर्व का सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व

    दीपावली

    दीपावली, जिसे हम सभी प्यार से ‘दीवाली’ भी कहते हैं, भारतीय संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षक पर्व है। यह पर्व न केवल उजालों का त्योहार है, बल्कि यह भारतीय समाज के मनोविज्ञान, सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक विचारों का प्रतीक भी है। दीपावली के आते ही वातावरण में एक अजीब-सा उल्लास भर जाता है, एक ऐसी खुशी जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है। पूरे देश में एक समान भावना के साथ इसे मनाया जाता है, चाहे किसी का धर्म या जाति कुछ भी हो।

    दीपावली का इतिहास पौराणिक कथाओं से भरा पड़ा है। मुख्य रूप से यह माना जाता है कि त्रेता युग में जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की और 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने घी के दीयों से उनका स्वागत किया। इसी तरह, भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान इस दिन देवी लक्ष्मी का उद्धार किया, और इस दिन को धन-समृद्धि का प्रतीक माना गया। इसी दिन, नरकासुर का वध करके भगवान कृष्ण ने प्रजा को बुराई से मुक्त किया था। इन सभी कथाओं में एक बात समान है – अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय, और असत्य पर सत्य की जीत।

    दीपावली के पर्व में पांच दिनों का विशेष महत्व है – धनतेरस, नरक चतुर्दशी, मुख्य दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज। हर दिन का अपना सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। धनतेरस पर धन की देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है। इस दिन सोने-चांदी या बर्तनों की खरीदारी का विशेष महत्व है। नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं, बुराई के अंत और अच्छे की शुरुआत का प्रतीक है।

    मुख्य दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। यह दिन घर-घर में दीयों की रोशनी, फूलों की सजावट, रंगोली और मिठाइयों का दिन होता है। गोवर्धन पूजा में प्रकृति और गोवंश की पूजा होती है, जो कृषि समाज की समृद्धि और धरोहर को दर्शाता है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं।

    दीपावली का त्योहार केवल पूजा-पाठ और धार्मिक मान्यताओं तक सीमित नहीं है; यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक महापर्व भी है। यह वह समय होता है जब लोग अपने घरों और दुकानों की साफ-सफाई करते हैं, उन्हें सजाते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार रंग-बिरंगे दीयों और लाइटों से रोशन करते हैं। परिवार के सदस्य दूर-दूर से अपने घर लौटते हैं, जिससे आपसी बंधन और प्रेम की मिठास बढ़ती है। घर-घर में पकवान, मिठाइयाँ, और व्यंजनों का आयोजन होता है जो परिवारों को और करीब लाते हैं।

    दीपावली का महत्व आर्थिक दृष्टि से भी देखा जा सकता है। यह त्योहार व्यवसायों के लिए साल का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। व्यापारी वर्ग विशेष तैयारियाँ करते हैं, विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेचते हैं, और बाजारों में रौनक देखते ही बनती है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में खरीददारी के प्रति उत्साह रहता है। इस प्रकार, दीपावली न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।

    दीपावली का एक अन्य महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को भी याद दिलाता है। वर्तमान समय में पटाखों और ध्वनि प्रदूषण ने इस त्योहार के उल्लास को एक हद तक प्रभावित किया है। हमें इस पर्व के साथ-साथ हमारी धरती का भी ख्याल रखना चाहिए। आज के समय में ग्रीन दिवाली का महत्व बढ़ गया है। हर वर्ष, यह प्रयास किया जाता है कि इस पर्व को प्रदूषण मुक्त तरीके से मनाया जाए। दीयों और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग, प्राकृतिक रंगों से बनी रंगोली, और रीसाइकल पेपर का प्रयोग पर्यावरण के अनुकूल दिवाली का हिस्सा बन सकते हैं।

    दीपावली केवल बाहरी रोशनी का पर्व नहीं है; यह आत्मा की उज्जवलता का पर्व है। यह वह समय है जब हमें अपने भीतर की बुराइयों, जैसे कि लालच, अहंकार, और द्वेष, को जलाना होता है। इस पर्व का असली महत्व तभी सार्थक होता है जब हम भीतर से शुद्ध हों, प्रेम और करुणा का दीप जलाएँ, और हर व्यक्ति के जीवन में खुशियों का उजाला फैलाएँ।

    संक्षेप में कहें तो, दीपावली का त्योहार भारतीय संस्कृति, समाज और आस्था के अद्भुत संयोजन का प्रतीक है। यह पर्व हमें जीवन में प्रकाश का महत्व समझाता है, बुराइयों का अंत कर सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। दीपावली की यही अनोखी भावना हमें सिखाती है कि चाहे कितना भी अंधकार हो, एक छोटा-सा दीपक भी प्रकाश फैला सकता है, और यही प्रकाश हर दिल में प्रेम, शांति और समृद्धि का संदेश फैलाए।

    इस वर्ष दीपावली मनाते समय हम सब यह संकल्प लें कि हम इसे पर्यावरण के अनुकूल, प्रेम और सौहार्द्र से परिपूर्ण बनाएँगे, ताकि यह पर्व सचमुच हर जीवन में उजाला और खुशियाँ बिखेरे। दीपावली का यह प्रकाश हमारे समाज में प्रेम और सौहार्द्र के नए दीप जलाए और हमारे देश को हर प्रकार के अंधकार से मुक्ति दिलाए।

    आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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