नृपेन्द्र कुमार मौर्य| navpravah.com
नई दिल्ली| झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के रांची में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का घोषणापत्र जारी करते हुए कई अहम वादे किए। चुनावी ‘संकल्प पत्र’ जारी करते हुए शाह ने राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का वादा किया, लेकिन यह साफ किया कि आदिवासी समुदाय इस दायरे से बाहर रहेगा। उनके इस बयान ने चुनावी माहौल में हलचल मचा दी है, क्योंकि इससे पहले विपक्ष ने यूसीसी को लेकर आदिवासियों के हितों पर चिंता जताई थी।
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि झारखंड में यूसीसी लागू होने से आदिवासी संस्कृति या उनके अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि यह राज्य के लिए एक बेहतर कदम होगा। शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर यूसीसी के बारे में गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार आदिवासी समुदायों की परंपराओं और संस्कृति का पूरा सम्मान करती है, और उन्हें यूसीसी के दायरे से बाहर रखेगी। उन्होंने झारखंड के लोगों को आश्वासन दिया कि यह कदम केवल एकता और समानता को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है और किसी के अधिकारों पर कोई आंच नहीं आएगी।
शाह ने आगे कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर झारखंड के विकास के लिए कई ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने रोजगार के मुद्दे को प्रमुखता देते हुए पांच लाख नए रोजगार अवसर पैदा करने का वादा किया, जिसमें 2.87 लाख सरकारी नौकरियां भी शामिल होंगी। भाजपा का यह कदम युवाओं के बीच काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि रोजगार की कमी लंबे समय से झारखंड में एक प्रमुख मुद्दा रहा है।
इसके अलावा, शाह ने हाल के वर्षों में झारखंड में हुई प्रश्न पत्र लीक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सत्ता में आने पर इन मामलों की सीबीआई और एसआईटी के जरिए जांच कराएगी। उनका कहना था कि शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार और परीक्षा प्रणाली में अनियमितताओं को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा, और दोषियों को जेल भेजा जाएगा। इससे छात्रों में एक नई उम्मीद जगी है कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो उनकी मेहनत और परीक्षा की निष्पक्षता को सुनिश्चित किया जाएगा।
घोषणापत्र में विस्थापन आयोग के गठन का भी वादा किया गया है। शाह ने बताया कि झारखंड में उद्योगों और खदानों के कारण कई लोग विस्थापित हुए हैं, और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि इस आयोग के जरिए उन लोगों को पुनः स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे, जो वर्षों से विस्थापन का दंश झेल रहे हैं।
भाजपा ने झारखंड के आदिवासी समुदाय की एक प्रमुख मांग, ‘सरना धर्म कोड’ के मुद्दे पर भी विचार करने का आश्वासन दिया। शाह ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो ‘सरना धर्म कोड’ के मुद्दे पर विचार-विमर्श कर उचित निर्णय लिया जाएगा। सरना धर्म कोड का मुद्दा आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है, जो उनकी धार्मिक पहचान और परंपराओं को संरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकता है। भाजपा का यह वादा झारखंड के आदिवासियों के बीच एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
झारखंड में जनसंख्या असंतुलन और अवैध प्रवासियों के मुद्दे को लेकर भी शाह ने कड़े शब्दों में अपनी बात रखी। उन्होंने झारखंड में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई और कहा कि राज्य में ‘माटी, बेटी और रोटी’ पर खतरा बढ़ रहा है। शाह ने आरोप लगाया कि झामुमो सरकार अवैध प्रवासियों को संरक्षण दे रही है, जिसके कारण जनजातीय आबादी घट रही है और राज्य की जनसांख्यिकी में बदलाव हो रहा है। उन्होंने वादा किया कि भाजपा सत्ता में आई तो अवैध प्रवासियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिससे झारखंड के स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
शाह ने कहा कि झारखंड में धार्मिक तुष्टीकरण की नीति चरम पर है, जिससे हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। उन्होंने इसे राज्य में भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा बताया। शाह का कहना था कि झारखंड को भ्रष्टाचारमुक्त और सुरक्षित बनाना भाजपा की प्राथमिकता होगी। उनका यह बयान उन लोगों को ध्यान में रखते हुए था जो झारखंड में बढ़ते धार्मिक असंतुलन और सुरक्षा के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं।
भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ में झारखंड की जनता को एक साफ संदेश दिया गया है कि पार्टी राज्य में सुशासन, रोजगार और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। शाह के वादों को झारखंड में भाजपा की सरकार बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने झारखंड की जरूरतों के मुताबिक वादे किए हैं। राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, आदिवासी समुदाय के लिए उनकी संस्कृति और पहचान की सुरक्षा, और झारखंड के हर वर्ग के लिए एक समान और सुरक्षित माहौल का आश्वासन देकर भाजपा ने राज्य में एक नई उम्मीद जगाई है।
झारखंड की जनता अब इस संकल्प पत्र के वादों और भाजपा की नीतियों पर विचार कर रही है। राज्य में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होने हैं और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। इन चुनावों में भाजपा के वादे और शाह की यह घोषणा कि उनकी पार्टी राज्य में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार है, झारखंड की जनता को कितना आकर्षित करेगी,यह देखना बाकी है।