पत्नी जज, भाई आईएएस, कानपुर में 10000 रुपए कैश ना होने के वजह डूबा युवक, पढ़ें पूरी कहानी

इशिका गुप्ता | navpravah.com

नई दिल्ली | कानपुर के नाना मऊ घाट पर शनिवार को एक दुखद घटना घटी। यूपी हेल्थ विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की गंगा में डूबने से मौत हो गई। यह हादसा नाना मऊ घाट पर हुआ, जब आदित्य और उनके दोस्त प्रदीप तिवारी गंगा में नहा रहे थे। उनकी पत्नी, शैलजा मिश्रा, महाराष्ट्र में जज हैं और उनका चचेरा भाई अनुपम सिंह बिहार के सीएम नीतीश कुमार का सचिव है।

घटना के समय, गोताखोरों ने आदित्य को बचाने के लिए 10,000 रुपये की मांग की। आदित्य के दोस्तों के पास कैश नहीं था, इसलिए उन्होंने पैसे ट्रांसफर करने की पेशकश की। लेकिन तब तक गोताखोरों ने पैसे ट्रांसफर की पुष्टि किए बिना आदित्य की मदद नहीं की, और वह गंगा में डूब गए।

पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और देर रात तक उनकी खोज जारी रही, लेकिन आदित्य की लाश नहीं मिली। इस घटना ने प्रशासन की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं, खासकर यह देखते हुए कि एक उच्च पदस्थ अधिकारी के साथ ऐसा हुआ। लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन ने गोताखोरों की तैनाती क्यों नहीं की, ताकि ऐसी परिस्थितियों में तत्काल मदद मिल सके।

उन्नाव के रहने वाले यूपी स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्त प्रदीप तिवारी के साथ गंगा में नहाने गए थे। आदित्य की पत्नी, शैलजा मिश्रा, महाराष्ट्र में जज हैं, और उनका चचेरा भाई अनुपम सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव और सीनियर आईएएस हैं।

जैसे ही आदित्य ने गंगा में नहाते समय फोटो खींचने के लिए कहा, अचानक उनका पैर गहरे गड्ढे में चला गया और वह डूबने लगे। दोस्तों ने तुरंत घाट पर मौजूद गोताखोरों से मदद मांगी, लेकिन गोताखोरों ने पहले 10,000 रुपये की मांग की। आदित्य के दोस्तों ने कहा कि उनके पास कैश नहीं है, लेकिन वे पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर कर देंगे। इसके बावजूद, गोताखोरों ने पैसे ट्रांसफर की पुष्टि किए बिना बचाव कार्य शुरू नहीं किया। जब तक पैसे ट्रांसफर हुए, तब तक आदित्य डूब चुके थे।

पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर आकर खोजबीन की, लेकिन रात भर की कोशिशों के बावजूद आदित्य की लाश नहीं मिली। इलाके के प्रधान भी वहां आए, और पैसे लेने वाले दुकानदार शैलेश गौतम ने बताया कि गोताखोरों ने पैसे मांगने के लिए उनके अकाउंट का इस्तेमाल किया, लेकिन उन्होंने पैसे वापस कर दिए हैं।

आदित्य के माता-पिता विदेश में हैं और उनकी बहन भी वहीं पर है। उनके भाई अनुपम सिंह मौके पर पहुंचे हैं, जबकि उनकी पत्नी जल्द ही पहुंचेंगी। इस घटना ने सभी को गहरे शोक में डाल दिया है।

एडीसीपी बृजेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और देर रात तक खोजबीन जारी रही, लेकिन आदित्य का पता नहीं चला। लोग इस घटना को लेकर प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, विशेषकर यह देखते हुए कि एक उच्च पदस्थ अधिकारी के साथ ऐसा हुआ। लोगों का कहना है कि प्रशासन को गंगा किनारे गोताखोरों की तैनाती करनी चाहिए थी ताकि ऐसी परिस्थितियों में त्वरित मदद मिल सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.