एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पूरे देश में बुधवार को तेज आंधी-तूफान आयी थी, जिससे जान माल का नुकसान तो हुआ ही उसके अलावा मध्यप्रदेश के सतना में तेज तूफान और बारिश ने जिला प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है।
मौसम खराब होने की वजह से इसका सबसे ज्यादा असर समर्थन मूल्य के गेहूं खरीद केंद्रो पर देखने को मिला। इन केंद्रों में परिवहन व्यवस्था ना होने की वजह से किसानों से खरीदा हुआ गेहूं भीगकर बर्बाद हो गया।
सतना जिले में 82 जगहों पर सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद क्रेंद खोल रखे हैं। बधुवार रात को कई जगह आए तेज तूफान और बारिश ने इन क्रेंदो में करोड़ों का नुकसान कर दिया है।
उचित व्यवस्था न होने की वजह से बड़ी मात्रा में गेहूं गीला हो गया। अब तक जिले में 1,00,469 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है, मगर खरीद क्रेंदों से सिर्फ परिवहन 83,323 टन ही हुआ जिसका भंडारण हो चुका है।
बाकी का 20,746 मीट्रिक टन गेंहू इस बारिश से भीग गया, इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी विरोधाभासी बयान देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। समर्थन मूल्य पर खरीद करवाने और भंडारण के जिम्मेदारी वाली मारफेट के महाप्रबंधक तो बारिश में गेहूं भीगने की बात को ही सिरे से नकार रहे हैं।
देश में गेहूं बर्बाद होने से कई सवाल राज्यों से लेकर केन्द्र की सरकारों पर हमेशा से खड़े होते रहे हैं। इस विषय में सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र से कहा था कि देश के गोदामों में गेहूं सड़ा देने से अच्छा है उसे उसे गरीबों में बांट दिया जाए।
एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में भुखमरी का सामना करने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित लोग हैं। देश में करीब 19 करोड़ लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुसार भोजन नहीं मिल पा रहा है देश में हर साल 2.10 करोड़ टन गेहूं बर्बाद होता है।