एमबीए स्टूडेंट ने बनाया नर्सिंग रोबोट, कोरोना से लड़ाई में साबित होगा कारगर

न्यूज़ अपडेट | Navpravah Desk

देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इस बात को सार्थक सिद्ध करते हुए ग्वालियर में एमबीए की पढ़ाई कर रहे अपर्णेश शुक्ल ने स्क्रैप मैटीरियल से एक नर्सिंग रोबॉट बनाया है। ये रोबॉट कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों की सेवा में कार्यरत मेडिकल स्टाफ के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

यह नर्सिंग रोबोट सामाजिक तथा शारीरिक दूरी बनाते हुए मरीजों को आवश्यकता की लगभग समस्त सामग्री पहुँचा सकता है। इस रोबॉट को एक सामान्य समारोह में उपजिलाधिकारी सुनील कोरडे, अस्पताल के जिला शल्य चिकित्सक डॉ. पुरुषोत्तम मड़ावी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.अजय डवले, डॉ. अनुपम हिवलेकर, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी बी एस मिरगे, सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश्वर सिंह की प्रमुख उपस्थिति में जिला सामान्य अस्पताल को नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया जिससे मरीजों के इलाज में आसानी हो सके।

लगभग 13 किलो वजन का यह यंत्र 25 किलो वजन की सामग्री रोगी तक पहुँचा सकता है। अपर्णेश ने इसे लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय के भीतर मौजूद स्क्रैप सामग्री का इस्तेमाल करते हुए इसे बनाया है। केवल 8500₹ की लागत से बना यह रोबॉट कोरोना महामारी के संकट में बड़ी और महत्वपूर्ण राहत देने वाला साबित होगा।

अपर्णेश ग्वालियर में एमबीए कर रहे हैं तथा होली के अवकाश में अपने परिवार के बीच त्यौहार मनाने आये हैं। इसी बीच लॉकडाउन हो जाने के कारण उन्हें रुकना पड़ा। इस कार्य में विश्वविद्यालय के अन्य सदस्यों का सहयोग भी उन्हें प्राप्त हुआ।

बुधवार को सामान्य अस्पताल में इस यंत्र का परिचालन किया गया। उपजिलाधिकारी श्री कोरडे ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि इस प्रकार का यंत्र प्राप्त होने वाला वर्धा पहला जिला बना है। कोरोना के रोगियों का इलाज करने में यह यंत्र बहुत ही उपयोगी साबित होगा। रोगी के पास न जाकर उसका इलाज करने और उसे आवश्यक सामग्री देने के लिए यह यंत्र सचमुच में स्वास्थ्य दूत साबित होगा।

इस मौके पर अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी प्रवीण गावंडे और अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। इस यंत्र के संदर्भ में अपर्णेश शुक्ल ने बताया कि भविष्य में इसे 360 डिग्री कैमरा, सेंसर तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का इस्तेमाल करते हुए और अत्याधुनिक बनाया जाएगा।

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