सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
आजकल मोटापा बढ़ना आम हो गया है, 5 में से हर 1 व्यक्ति को मोटापे की शिकायत है, मोटापे के साथ-साथ ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याएं भी आने लगती हैं।
अक्सर ये कहा जाता है, कि वसा और चिकनाई युक्त पदार्थों का सेवन करना मोटापे का कारण है, लेकिन नहीं ऐसा नही है, जबकि हमारे दिमाग में मौजूद हॉर्मोन भी मोटापे को बढ़ाते हैं।
इस बात की पुष्टि खुद वैज्ञानिक करते हैं, उनका कहना है कि, दिमाग की गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया की वजह से भी हमारे शरीर का मोटापा बढ़ता है, मोटापा सिर्फ वसायुक्त खाने से ही नही बढ़ता है।
दिमाग के मध्य में हाइपोथेलेमस क्षेत्र में हमारी भूख और वजन को नियंत्रित करने वाली कोशिकाओं का एक छोटा सा तंत्र होता है, यह तंत्त्र प्रो-ओपियोमेलानोकोर्टिन नामक एक हॉर्मोन का उत्पादन करता है, जो भूख का निर्धारण करता है। इस हार्मोन के कोशिकाओं से निकलकर शरीर तक जाने की प्रक्रिया को ईराड कहते हैं।
ईराड हर खराब छोटे हॉर्मोन को नष्ट कर देता है, जिससे शरीर को नियंत्रित मात्रा में भूख लगती है, लेकिन जब ईराड काम करना बंद कर देता है, तो भूख नियंत्रण हॉर्मोन शरीर तक नहीं पहुंच पाते, इससे व्यक्ति को अधिक मात्रा में भूख लगती है और मोटापा बढ़ने लगता है।
मिचिगन मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चूहों पर यह अध्ययन किया, उन्होंने देखा कि जिन चूहों की ईराड प्रक्रिया सही काम नहीं कर रही थी, उन्होंने सामान्य से अधिक आहार का सेवन किया था, जिससे उनका वजन बढ़ गया।