सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
पेसमेकर्स और इंसुलिन पंप जैसे मेडिकल डिवाइस, इंसान अपनी शरीर की स्थिती बेहतर बनाने के लिए करता है। आज इन उपकरणों का उपयोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके बाद इनके हैक होने और इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को ब्लैकमेल करने का भी खतरा बढ़ गया है। यह खतरा सेंट जूड मेडिकल के कुछ पेसमेकर की बैटरी समय से पहले खत्म होने की वजह से हुई दो लोगों की मौत के बाद बढ़ गया है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि हैकर्स इन डिवाइस के सॉफ्टवेयर को हैक करके आपकी शारीरिक सूचना और कमजोरियों का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। पेसमेकर एक ऐसा उपकरण होता है, जो आपके हृदय के पहले कक्ष में स्थापित किया जाता है, यह हृदय को धड़कने और रक्त संचार करने का संदेश देता है।
इंसुलिन पंप को मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है, यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित करता है। ऐसे उपकरण सॉफ्टवेयर के द्वारा संचालित होते हैं। ऐसे चिकित्सकीय उपकरणों के लिए खाद्य और औषधि प्रशासन ने कुछ निर्देश दे रखे हैं, लेकिन 2017 के एक अध्ययन के मुताबिक, अधिकतर उपकरण बनाने वाली कंपनियां इन्हें नहीं मानती, जिससे इसके हैक होने का खतरा बढ़ जाता है।