हेल्थ डेस्क. भारत के Golden Milk को पश्चिमी देशों में इसके स्वास्थ्यवर्द्धक फायदों की वजह से काफी पसंद किया जा रहा है। इसे बनाना काफी आसान है। ‘Golden Milk’ के नाम से दुनिया भर में मशहूर होने वाला यह पेय पदार्थ दरअसल हल्दी का दूध है। जी हां, वही हल्दी का दूध जो आपकी दादी/नानी सर्दी, जुकाम या चोट लगने पर आपको दिया करती थीं।
Golden Milk यानी कि हल्दी के दूध में एंटी ऑक्सिडेंट के गुण पाए जाते हैं। कई सब्जियों में इसका इस्तेमाल मसाले के रूप में होता है और कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी। यह कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता हैं और तनाव (oxidative stress) से बॉडी को मुक्त रखता है।
Golden Milk में एंटी इंफ्लामेटरी गुण भी पाए जाते हैं। सूजन कम करने या चोट लगने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि कैंसर, अल्जाइमर, ह्रदय रोग (heart disease) और मेटाबोलिक सिंड्रोम में भी इसका सेवन किया जाता है।
यह दिमाग के लिए भी बेहद फायदेमंद है। अगर इसमें दालचीनी और अदरक भी एड हो तो इसका फायदा कई गुना बढ़ जाता है। दालचीनी के इस्तेमाल से पार्किंसन रोग (Parkinson’s disease) के लक्ष्ण काफी हद तक कम हो जाते हैं। वहीं अदरक दिमाग के काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। इससे याददाश्त अच्छी होती है।