सौम्या केसरवानी | navpravah.com
नई दिल्ली | भारत में मंकी पॉक्स ने दस्तक दे दी है। यहां अभी मंकीपॉक्स का एक केस मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि विदेश से लौटे एक शख्स में एमपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं। उसे अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है यह पता लगाया जा रहा है कि संदिग्ध मरीज के संपर्क में कौन-कौन लोग आए हैं, उसकी ट्रैवल हिस्ट्री भी निकाली जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह एक चिंता का विषय है, लेकिन इससे निपटने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। शनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल भी पूर मामले को देख रही है। WHO ने 14 अगस्त को मंकी पॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका के कई देश मंकीपॉक्स से प्रभावित हैं और यह व्यक्ति वहां से लौटा था, मंकीपॉक्स का कनेक्शन बंदर से जोड़ा जाता है, लेकिन चौंकाने वाली बात है कि यह 100 फीसदी अनिवार्य नहीं है कि इसका वायरस बंदर से ही फैले।
सीडीसी की रिपोर्ट कहती है, इसका वायरस संक्रमित मरीज की लार, पसीने और उसकी संक्रमित चीजों से स्वस्थ इंसान में फैल सकता है, यह इतना खतरनाक है कि, संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे में भी यह वायरस पहुंच सकता है।
संक्रमित मरीज में इसके लक्षण दिखने में 1 से 4 दिन लग सकते हैं, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, दाने, सूजी हुई लिम्फनोड जैसे लक्षण दिखते हैं. कुछ मामलों मेंं सांस लेने में दिक्कत भी होती है। लेकिन अब तक ऐसे मामले सामने नहीं सामने आए हैं कि किसी शख्स में लक्षण न दिख रहे हों और उससे दूसरे लोगों में यह फैला हो, यह जानवरों से इंसान में फैल सकता है. अफ्रीकी देशों में इसके कई मामले सामने आ चुके हैं।
WHO का कहना है कि, अफ्रीकी देशों में इसके कई ऐसे मामले सामने आए हैं जबकि इनके फैलने की वजह का पता नहीं लगाया जा सका है, अलग-अलग देशों की सरकार इमरजेंसी रेस्पॉन्स के जरिए इन पर नजर रख रही है, हालांकि, कई देश ऐसे भी हैं जहां इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता न होने के कारण इसके मामले फैले और सामने आए हैं।