Film Review: दिमाग़ का दही करती फ़िल्म ‘घूमकेतु’

अमित द्विवेदी | Cinema Desk

नवप्रवाह रेटिंग: : ⭐⭐

घूमकेतु के ट्रेलर में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी कहते हैं, “ई कौनो फ़िल्मी कहानी नहीं, हमरी कहानी है।” ट्रेलर में ये एक लाइन डालकर फ़िल्म मेकर अनुराग कश्यप आपके एक घण्टे चालीस मिनट का सत्यानाश करने का बीड़ा उठाते हैं और समीक्षा लिख रहे धुरंधरों का १० ग्राम ख़ून जलाने में कामयाब भी होते हैं।

कहानी-
घूमकेतु लखनऊ के पास के एक गाँव का नौजवान छोरा है, बचपन से उसकी बुआ उसको कहानियाँ सुनाती हैं, वहाँ से कहानियों के प्रति उसका रुझान बढ़ता है। बच्चा बड़ा होता है, कहानियों का चस्का चटकारे लेते फ़िल्मी शक्ल लेता है और अब ये लड़का पिच्चर लिखने का मन बनाता है। लिखने की प्रेरणा लड़के के मोहल्ले की एक लड़की भी बनती है, जिसको घूमकेतु चिट्ठी लिखता है, लड़की बताती है कि उसकी सेटिंग किसी और के साथ चल रही है, लेकिन तुम लिखना कभी मत छोड़ना। अब ये चिंगारी उसकी बुझने का नाम नहीं लेती और एक दिन आता है, जब घूमकेतु बम्बई जाने का प्लान बना लेता है। बुआ से मशविरा करता है और कुछ पैसे लपेट के निकल जाता है। वहाँ संघर्ष चलता है और महीने भर बाद वापस लौट आता है।

प्रेडिक्शन-

कुछ लोगों को श्राप होता है कि जब उनको सारी सुविधाओं से लैस कर दिया जाएगा वो चीज़ों को गाढ़े गोबर से लीप देंगे। यही श्राप मिला है अनुराग को, अनुराग कश्यप को। कश्यप को बड़े ऐक्टर्स की छाया सूट नहीं करती। कश्यप बौखला जाते हैं। उन्हें समझ नहीं आता कि वो करें क्या! यही हुआ उनके साथ इस फ़िल्म में।

एक सिंपल सी कहानी को अनुराग ने ऐसा लीपा कि इसमें अलंकरण की कोई सम्भावना नहीं बची। तो मेकर्स के पास उसमें थोड़ा एनिमेशन डालकर ख़ूबसूरत बनाने की कोशिश के अलावा कुछ बचा नहीं था, लेकिन जिस काम को बिगाड़ने में अनुराग लग जाएँ, उसको कौन बना सकता है?

देखें फ़िल्म का ट्रेलर:

अमिताभ बच्चन, रणवीर सिंह, सोनाक्षी सिंहा और चित्रांगदा सिंह ने फ़िल्म को ख़ूबसूरत बनाने की कोशिश की, लेकिन अनुराग के भारी भूकम्प के झटके में सब तहस-नहस हो गया।

निष्कर्ष-

यह बात ज़ोर देते हुए कही जाती है कि घूमकेतु के चक्कर में न पड़ें, नहीं तो एक घण्टे चालीस मिनट की फ़िल्म देखने के बाद आप अपना बाल नोच लें, इसका ज़िम्मा आप का।

(अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर की गई समीक्षा एक जटिल काम है, जिसके अंतर्गत केवल पॉजिटिव कमेंट्स की उम्मीद रखना अनुचित है। हमारे यहाँ पेड रिव्यू जैसी भी कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।)

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