संवाददाता। navpravah.com
नई दिल्ली। हैदराबाद सीट बात की जाए तो इस सीट को ओवैसी का गढ़ माना जाता है। साल 1984 से ओवैसी परिवार हैदराबाद सीट से हमेशा जीत दर्ज करता आ रहा है। असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन हैदराबाद सीट से 20 साल तक सांसद रहें, इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी अबतक इस सीट से सांसद है। इस बार के लोकसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि हैदराबाद की जनता क्या फैसला लेती हैं। एक ओर जहां बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले ओवैसी एक बार फिर से मैदान में है। वहीँ दूसरी ओर बीजेपी की ओर से हैदराबाद में माधवी लता हिंदुत्व का झंडा लेकर मैदान में उतर चुकी हैं।
खुद को “RSS की बेटी” और “पारंपरिक भारतीय महिला” कहने वाली कोम्पेला माधवी लता एक उद्यमी, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर और प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर हैं। माधवी लता तेलंगाना के राजनीतिक हलकों में बहुत जाना-पहचाना नाम नहीं है। लेकिन पिछले दिनों जब भाजपा ने उन्हें हैदराबाद लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा तो वह अचानक सुर्खियों में आ गई।
एक व्यवसायी और भरतनाट्यम डांसर के अलावा वह एक एनसीसी कैडेट भी हैं। उन्हें लगभग छह महीने पहले टिकट का आश्वासन दिया गया था और वह कुछ समय से हैदराबाद के पुराने शहर में प्रचार कर रही हैं। उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ भी अभियान चलाया है।
माधवी लता कभी भी एक सक्रिय राजनेता नहीं रही हैं यहां तक कि उनके परिवार में भी दूर-दूर तक किसी का राजनीति से वास्ता नहीं रहा। माधवी लता तीन तलाक के उन्मूलन पर कई मुस्लिम महिला समूहों के साथ सहयोग कर रही हैं और अक्सर पुराने शहर के क्षेत्रों में इस मुद्दे पर बात करने के लिए आमंत्रित की जाती हैं।
हैदराबाद से पहली बार भाजपा ने बनाया महिला उम्मीदवार
भाजपा ने हैदराबाद से पहली बार महिला उम्मीदवार पर दांव खेला है। इससे पहले पार्टी ने भगवत राव को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, भगवत को ओवैसी से लगभग 3 लाख वोटों से हार झेलनी पड़ी थी। इस बार भाजपा ने महिला उम्मीदवार को उतारकर मुकाबला कड़ा करने की कोशिश की है, लेकिन ओवैसी को उसके गढ़ में हराना आसान नहीं होने वाला है।