टेलीकॉम कंपनी एयरसेल अब दिवालिया होने की स्थिति में है। कंपनी ने खुद इसके लिए अर्जी दे दी है। ऐसे में कंपनी बंद होने के साथ ही सभी सर्किल्स में इसकी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दिवालिया होने की अर्जी दी है। दिवालिया घोषित होने के बाद एयरसेल कंपनी के तौर पर खत्म हो जाएगी।
बाजार में एयरटेल, जियो, वोडाफोन, आइडिया रहेगें। इनके अलावा दो सरकारी कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल होंगी। वहीं आइडिया-वोडाफोन का मर्जर होने के बाद टेलीकॉम मार्केट में सिर्फ तीन कम्पनियां ही रह जाएगीं। मलेशिया की पैरेंट कंपनी मैक्सिस ने एयरसेल में निवेश करने वाली थी, लेकिन बाद में उसने एयरसेल में निवेश करने से मना कर दिया था। कंपनी के एक सूत्र के अनुसार, बिजनेस चलाने के लिए कंपनी के पास कैश नहीं है। इस हफ्ते के अंत तक कंपनी सैलरी का भुगतान भी बंद कर सकती है। एयरसेल हर महीने 400 करोड़ रूपये कमाता है, जिसमें से 100 करोड़ रुपए का भुगतान दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को टर्मिनेशन चार्ज के तौर पर करता है। वहीं, 280 करोड़ रुपए वेंडर्स और नेटवर्क अपटाइम के लिए चुकाने होते हैं। बाकी का पैसा लाइसेंस फी, टैक्स और इंट्रेस्ट पेमेंट में चला जाता है।
एयरसेल के बंद होने के बाद 5000 कर्मचारी पर असर पड़ेगा। केवल कर्मचारियों पर ही नहीं, बल्कि वेंडर्स, पार्टनर, टॉवर ऑपरेटर जीटीएल इंफ्रा, भारती इंफ्राटेल, इंडस टॉलर और एटीसी पर भी इसका असर पड़ेगा।